राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में भजन लाल शर्मा को चुन लिया गया है. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी सीएम के नाम का ऐलान चौंकाने वाला था. किसी ने भजन लाल शर्मा के नाम की कल्पना भी नहीं की थी. ना ही इनके नाम पर कोई कयासवाजी हो रही थी. लेकिन फिर भी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से भजन लाल को सीएम चुना गया.
राजस्थान में CM चुनने की उसी प्रक्रिया का पालन किया गया, जिसका कि MP में किया गया था. पहले लंच हुआ, फिर विधायकों और पर्यवेक्षकों का फोटो सेशन हुआ और फिर बंद कमरे में बैठक. इस बैठक में पर्यवेक्षकों ने सभी विधायकों से बात की और CM के नाम पर सहमति ली.
फोटो में पीछे, CM रेस में रहे आगे
लेकिन बैठक से पहले जो फोटो सेशन हुआ उसमें भजन लाल भी पीछे की ही कतार में खड़े थे. उस वक्त किसी को भनक तक नहीं थी कि फोटो के लिए सबसे पीछे की लाइन में खड़े शख्स को भाजपा मुख्यमंत्री बनाने जा रही है. गौर से देखें तो भजन लाल इस ग्रुप में सबसे पीछे दिखाई दे रहे हैं. लेकिन जब नाम का ऐलान हुआ तो पता चला कि पीछे खड़े इस विधायक ने अन्य सभी को पछाड़ दिया है.
सीएम रेस में थे ये चेहरे
राजस्थान में सीएम रेस की बात करें, तो वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी, राजवर्धन राठौड़ जैसे नाम शामिल थे. लेकिन जब फाइनली नाम का ऐलान हुआ तो भजन लाल के नाम ने सभी को चौंकाया.
संगठन में काम करने का मिला इनाम
गौरतलब है कि राजस्थान में भाजपा ने इस बार ब्राह्मण चेहरे पर भरोसा जताते हुए भजन लाल शर्मा को सूबे का नया मुख्यमंत्री बनाया है. भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं. वे चार बार प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं. संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद का तोहफा दिया गया है.
पहली बार के विधायक को बनाया CM
दरअसल, बीजेपी ने इस बार के चुनाव में भजन लाल शर्मा को पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया है. मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया था. उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से शिकस्त देकर बड़ी जीत दर्ज की है. शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो भजन लाल शर्मा राजस्थान यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएट हैं. उन्होंने यहां से 1993 में पॉलिटिक्स में एम.ए की डिग्री हासिल की है.
बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय लड़ चुके हैं चुनाव
भजन लाल शर्मा भरतपुर के अटारी गांव के रहने वाले हैं. फिलहाल वे भरतपुर के राजेन्द्र नगर में रहते हैं. वे बीजेपी जिला अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा युवा अध्यक्ष भी रहे हैं. वे 2003 में बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नदबई से चुनाव लड़े थे. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके पहले वे सरपंच का चुनाव भी लड़े थे और हार गए थे. इनके 2 बच्चे हैं, इनमें से एक डॉक्टर है, जो जयपुर में रहते हैं. इनका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है.
कांग्रेस ने लगाया था बाहरी होने का आरोप
विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान कांग्रेस ने भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा पर बाहरी होने का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने सांगानेर की जनता से बाहरी प्रत्याशी को वोट न देकर शिकस्त देने की मांग की थी. हालांकि इसके बावजूद भजन लाल शर्मा ने इस सीट से बड़ी जीत दर्ज की. वे संघ और संगठन, दोनों के करीबी माने जाते हैं.