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Alwar incident: पुलिस दबिश के दौरान मासूम की मौत, पुलिसकर्मी के पैर के नीचे दबने से गई बच्ची की जान

अलवर के नौगांवा थाना क्षेत्र में पुलिस दबिश के दौरान एक माह की बच्ची की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मी के पैर तले दबने से बच्ची की जान गई. वहीं, घटना के बाद ग्रामीणों ने एसपी आवास के बाहर प्रदर्शन किया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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एसपी आवास के बाहर प्रदर्शन.
एसपी आवास के बाहर प्रदर्शन.

राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा थाना क्षेत्र के रघुनाथगढ़ गांव में पुलिस की दबिश के दौरान एक माह की बच्ची की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मी के पैर के नीचे दबने से मासूम की जान चली गई. इस घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) आवास पर पहुंचकर धरना दिया.

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रघुनाथगढ़ गांव निवासी इमरान ने बताया कि रविवार सुबह करीब 6 बजे दो गाड़ियों में पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे. पुलिसकर्मी ऑनलाइन ठगी से जुड़े एक मामले में दबिश देने आए थे. इस दौरान चारपाई पर उसकी पत्नी के पास एक माह की मासूम बेटी अलिसबा सो रही थी. घर में घुसते ही एक पुलिसकर्मी का पैर मासूम पर पड़ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जब बच्ची की मां ने पुलिसकर्मियों को रोकने का प्रयास किया, तो उन्होंने उसे धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया.

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परिजनों का आक्रोश, ग्रामीणों का प्रदर्शन

घटना के बाद जब परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, तो कोई भी पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. इस लापरवाही के कारण गांव के लोग आक्रोशित हो गए और बड़ी संख्या में एकत्रित होकर अलवर पुलिस अधीक्षक के आवास के बाहर धरना देने पहुंच गए. घटना की खबर फैलते ही गांव के लोग इकट्ठा हो गए और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताने लगे. ग्रामीणों ने मांग की कि आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. धरने के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही और अत्याचार का आरोप लगाया.ॉ

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बच्ची के पिता इमरान का बयान

धरने की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं थे. वे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे. बच्ची के पिता इमरान ने कहा, मैं एक मजदूर आदमी हूं. मेरा किसी ऑनलाइन ठगी से कोई संबंध नहीं है. मेरे तीन बच्चे थे, जिनमें से मेरी एक माह की बेटी अलिसबा भी थी. वह अपनी मां के पास कंबल में सो रही थी. पुलिसकर्मियों ने दबिश के दौरान लापरवाही से उसके ऊपर पैर रख दिया, जिससे उसकी जान चली गई.

परिजनों को मिला न्याय का आश्वासन

परिजनों ने पुलिस पर गैरकानूनी तरीके से घर में घुसने और महिला पुलिसकर्मी के बिना दबिश देने का भी आरोप लगाया. परिजनों का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है. वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. पुलिस प्रशासन ने फिलहाल परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया है और पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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दोषी के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई

डिप्टी एसपी अंगद शर्मा ने बताया कि परिजनों का आरोप है कि पुलिस की दबिश के दौरान पुलिसकर्मी के पैरों तले कुचलने से एक महीने की बच्ची की मौत हो गई. मामले में परिजनों की ओर से लिखित शिकायत दी गई है. शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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