"सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं" ये कहावत राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर में साबित हुई है. यहां एक 70 साल के बुजुर्ग की 11 फरवरी 2021 को भारत माता नाम की गाय चोरी हो गई थी. जिसे पाने के लिए उसने अपनी लाखों रुपये की कीमत की 10 बीघे जमीन बेच दी थी. इतना ही नहीं उसने कसम खाई थी कि जब तक गाय नहीं मिलेगी, वो दाढ़ी नहीं कटवाएगा. आखिरकार उसकी वर्षों की तपस्या सफल हो गई और सच्चाई की जीत हुई है. हालांकि, इसमें पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसी क्रम में गाय का डीएनए टेस्ट हुआ, जिसके बाद गाय अपने मालिक तक पहुंची. वहीं, दावा किया जा रहा है कि राज्य में किसी गाय का पहला डीएनए टेस्ट हुआ है.
दरअसल, सरदारशहर में एक गाय को लेकर दो पशुपालकों में विवाद हो गया था. दोनों अपना-अपना दावा कर रहे थे. इसके बाद रामनगर बास के वार्ड-1 के 70 साल के पशुपालक दूलाराम डारा ने चोरी का केस दर्ज कराया. मगर, पुलिस ने मामले में 3 बार एफआर लगाई. इसके कारण 6 महीने पहले दूलाराम ने बीएसएनएल के टावर पर चढ़ गए और अपनी पीड़ा जाहिर की. उस दिन उपचुनाव के प्रचार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आए हुए थे. बात का बतंगड़ न बने इसके लिए आईजी बीकानेर ने गाय चोरी प्रकरण की जांच तारानगर डीएसपी ओमप्रंकाश गौदारा को सौंप दी.
डीएसपी गोदारा ने खोली मामले की गुत्थी
वर्तमान में मामले की जांच कर रहे डीएसपी ओमप्रकाश गोदारा ने बताया कि दिसंबर 2021 में सरदारशहर पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था. इसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि गंगाराम कुम्हार के साथ आए लोगों ने उसके साथ मारपीट की और घर से गाय चोरी कर ले गए. हालांकि, जांच के दौरान आरोप फर्जी पाए गए.
इसके बाद सरदारशहर में उपचुनाव का वक्त आया. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यात्रा के दौरान दुलाराम बीएसएनएल टावर पर चढ़ गया. उसका कहना था कि उसकी गाय वापस दिलाई जाए. मामले की गंभीरता को देखते हुए फिर से जांच शुरू हुई और दुलाराम के घर में बंधी गाय की मां का डीएनए सैंपल लिया गया और हैदराबाद भेजा गया. रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि गाय दुलाराम की है. इसके बाद पुलिस ने गाय और उस गाय की दो बछिया को दुलाराम के घर पहुंचाया.
'मैं घर आया तो देखा कि वहां भीड़ इकट्ठा थी'
इस पूरी कहानी को लेकर दुलाराम डारा बताते हैं, "11 फरवरी 2021 को मेरी गाय गुम हो गई थी. 10 महीने बाद मेरे पास एक व्यक्ति का फोन आया. उसने कहा कि आपकी गाय बाजार में खड़ी है. वहां जाकर देखा कि वो गाय मेरी ही थी. इस पर मैं उसे घर ले आया. इसके बाद अपने पड़ोसी से कहा कि गाय की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दो ताकि इस गाय के बछड़े को भी कोई हम तक पहुंचा दे. इसके बाद मैं घर आया तो देखा कि वहां भीड़ इकट्ठा थी. उन लोगों ने मेरे साथ मारपीट की और गाय को ले गए. मैं बेटे की कसम खाता रहा और कहता रहा कि गाय मेरी है. मगर, उन्होंने मेरी एक न सुनी. मारपीट में मेरे दो दांत टूट गए".
'तब जाकर 21 दिसंबर 2021 को मामला दर्ज हुआ'
बुजुर्ग ने आगे बताया, "इस मामले में 9 दिसंबर 2021 को पुलिस में शिकायत की मगर मामला दर्ज नहीं किया गया. जिसके बाद चूरू पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश हुआ. तब जाकर 21 दिसंबर 2021 को मामला दर्ज हुआ. मगर, जांच में पुलिस ने मामले को झूठा साबित कर दिया. इसके बाद मैं बीकानेर रेंज आईजी के समक्ष पेश हुआ. फिर जांच की जिम्मेदारी भानीपुरा थाना अधिकारी को दी गई. उन्होंने भी मामले को झूठा साबित कर दिया. फिर मैं जयपुर में डीजी के समक्ष पेश हुआ, जिसके बाद जांच डूंगरगढ़ थानाधिकारी को सौंपी गई, लेकिन डूंगरगढ़ थाना अधिकारी ने भी झूठा साबित कर दिया".
दुलाराम ने आगे बताया कि डूंगरगढ़ थाना में जांच करने वालों ने उससे पैसे भी लिए. फिर 30 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपचुनाव के दौरान सभा करने के लिए सरदारशहर आए हुए थे. उसी दौरान मोहल्ले में स्थित बीएसएनएल टावर पर चढ़ गया और अपनी बात कही. इसके बाद अब न्याय मिला है. हालांकि, दुलाराम ने का कहना है कि मामले में सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. जिस दिन गाय गायब हुई थी, यह तय कर लिया था अपनी दाढ़ी नहीं कटवाउंगा. अब तब तक दाढ़ी नहीं कटवाउंगा जब तक आरोपियों और झूठी जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती.
मामले में इन्होंने की बुजुर्ग की मदद
दुलाराम ने बताया कि टावर पर चढ़ने के बाद तारानगर डीएसपी ओमप्रकाश गोदारा, सरदारशहर थाना अधिकारी सतपाल विश्नोई और एसडीएम बिजेंद्र सिंह ने मदद की और गाय वापस दिलवाई. पीड़ित की पत्नी माली देवी ने बताया कि हमारा गरीब परिवार है. गाय वापस पाने के लिए पति ने 10 बीघे पैतृक खेत बेच दिया था. 20 हजार रुपये की गाय के लिए खेत बेचने के फैसले का मैंने विरोध भी किया था. मगर, उनका कहना था कि सच्चाई सबके सामने लाकर रहेंगे.
इस मामले में सरदारशहर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर केसरीचंद ने बताया कि तारानगर डीएसपी ने उनसे संपर्क किया था. हमारी टीम ने 3 जनवरी 2023 को गाय और उसकी मां के डीएनए सैंपल लिए थे. रिपोर्ट में फर्स्ट जनरेशन सेम होने की पुष्टि हुई है. संभवत इस प्रकार के मामले में डीएनए जांच का पहला मामला है.
(चूरू से विजय चौहान की रिपोर्ट)