पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा के चलाए जा रहे 'ऑपरेशन सरहद' में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के खतरनाक इरादों का पर्दाफाश हुआ है. ISI हनी ट्रैप के जरिए भारतीय सेना के जवानों को जाल में फंसाने की कोशिश कर रही है ताकि सामरिक नजरिए से बेहद गोपनीय सूचनाओं को हासिल कर सके.
उत्तराखंड के हरिद्वार का रहने वाला 24 साल का आर्मी जवान प्रदीप कुमार इस ट्रैप में फंस गया. यह जवान जोधपुर स्थित आर्मी की खुफिया मिसाइल रेजिमेंट यूनिट में बतौर गनर पदस्थ था.
दरअसल, नवंबर 2021 के अंतिम सप्ताह में प्रदीप के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया था जो किसी महिला ने किया था. जांच में पता चला कि वह महिला पाकिस्तान की आईएसआई एजेंट थी.
आईएसआई की एजेंट ने अपना फर्जी नाम रिया शर्मा बताकर जवान को अपने हुस्न के जाल में फंसा लिया. राजस्थान पुलिस के हत्थे चढ़े जवान ने पूछताछ में बताया कि उसके पास रिया का पहली बार कॉल आया था. उसके बाद whats app पर उसकी लगातार बातें होने लगीं.
जवान के मुताबिक, आईएसआई एजेंट रिया ने उसे बताया था कि वह एयरफोर्स के ए.एम.सी विभाग बेंगलुरु में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत है. जवान ने कहा कि एजेंट रिया से उसकी लगातार वीडियो कॉल पर बात होने लगी और कई बार वो आर्मी की एएमसी वर्दी में भी बातचीत करती थी.
पकड़े गए जवान प्रदीप कुमार ने बताया कि वीडियो कॉल के दौरान एजेंट रिया अक्सर अपने कपड़े उतार देती थी और उसके साथ अश्लील बातें भी करती थी. जल्द ही प्रदीप ने रिया से शादी करने का वादा भी कर लिया.
इसके बाद पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट का प्रदीप से खुफिया जानकारी जुटाने का सिलसिला शुरू हुआ. पाकिस्तानी एजेंट प्रदीप को हुस्न के जाल में फंसाकर धीरे-धीरे कई खुफिया जानकारी उससे हासिल करने लगी.
प्रदीप ने पूछताछ में बताया कि 14-15 जनवरी 2022 को जैसलमेर के लाठी गांव में जब सालाना युद्धाभ्यास के लिए वह एडंवास पार्टी के साथ गया था, जहां से वो 20-21 फरवरी 2022 को वापस आ गया था. इस दौरान उसकी पाकिस्तानी एजेंट से बात होती रही और उसने युद्धाभ्यास, ड्यूटी पर तैनाती, मिसाइल यूनिट के बैटरी रूम/लॉकर रूम के दस्तावेज और कंप्यूटर का स्क्रीन शॉट उसे भेजा था.
प्रदीप ने जो कम्प्यूटर के स्क्रीन शॉट पाकिस्तानी एजेंट को भेजे थे, उसमें मिसाइलों से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियां थीं, जैसे कि उसकी क्षमता, लोकेशन और किस जगह पर वह तैनात है.
जांच में आर्मी जवान प्रदीप ने पुलिस को बताया कि उसकी आंख तब खुली, जब पाकिस्तानी एजेंट रिया ने उसे दिल्ली में मिलने बुलाया और जब वह वहां गया तो उसे कोई नहीं मिला.
इसके बाद पाकिस्तानी एजेंट ने अपना फोन बंद कर लिया और बात करना भी बंद कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. क्योंकि प्रदीप मार्च महीने से ही राजस्थान पुलिस की सुरक्षा शाखा के रडार पर आ चुका था.
21 मई को प्रदीप को जयपुर में सुरक्षा शाखा ने पूछताछ के लिए बुलाया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. लेकिन तब तक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के हाथों भारतीय सेना की कई जानकारियां, आर्मी से जुड़े चिन्हों और मिसाइल यूनिट की गोपनीय सूचना पहुंची चुकी थीं. फिलहाल प्रदीप न्यायिक हिरासत में है.