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'धनखड़ राजस्थान के किसान के बेटे, CM को दौरे पर आपत्ति क्यों?,' बीजेपी का गहलोत पर पलटवार

राजस्थान में जल्द ही विधानसभा चुनाव का ऐलान होने वाला है. इससे पहले राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति गरमा गई है. तीन दिन पहले सीएम अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर हमला बोला और उनके राजस्थान दौरे पर आपत्ति जताई. अब बीजेपी ने गहलोत के बयान पर पलटवार किया है.

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केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सीएम गहलोत पर पलटवार किया है.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सीएम गहलोत पर पलटवार किया है.

राजस्थान में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान  दौरे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आपत्ति जताए जाने के बाद सियासी माहौल गरमा गया है. बीजेपी नेता और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को गहलोत पर तंज कसा है और कहा, सीएम की आपत्ति दर्शाती है कि उन्हें राज्य के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है. मुरलीधरन ने कहा कि धनखड़ 'राजस्थान के किसान के बेटे' हैं. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की यात्राओं से किसी भी राज्य को फायदा होगा और इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.

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बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस नेता और सीएम गहलोत ने एक कार्यक्रम में कहा था, 'कल उपराष्ट्रपति आए और पांच जिलों का दौरा किया. इसका क्या तर्क है? जल्द ही चुनाव होने हैं. आप आएंगे तो इसके अलग-अलग मायने संदेश जाएंगे, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होगा.

'सीएम आपत्ति क्यों जता रहे?'

मुरलीधरन ने राजस्थान के दूसरे और देश के 37वें क्षेत्रीय पासपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर मीडिया से कहा, मुझे आश्चर्य है कि यहां के मुख्यमंत्री इस तरह के मुद्दे पर आपत्ति क्यों जता रहे हैं? यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री को राज्य के विकास और प्रगति में कोई दिलचस्पी नहीं है. .

'सनातन धर्म पर टिप्पणियों पर चुप क्यों है विपक्षी गठबंधन?'

उन्होंने कहा, 'गहलोत को उपराष्ट्रपति के बार-बार दौरे पर आपत्ति जताने के बजाय उनका गर्मजोशी से स्वागत करना चाहिए.' मुरलीधरन ने सनातन धर्म पर 'अपमानजनक टिप्पणियों' पर कथित चुप्पी के लिए विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं की भी निंदा की.

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'मणिपुर मसले पर चुप नहीं है सरकार'

मणिपुर हिंसा के मुद्दे को टालने के आरोप पर मुरलीधरन ने कहा, पार्टी और सरकार में किसी ने भी इस मुद्दे को नहीं टाला. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद और बाहर इस विषय पर सरकार की नीति और उसके प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने आगे कहा, गृह मंत्री अमित शाह ने खुद इम्फाल का दौरा किया और वहां के लोगों से बात की.

नए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के खुलने से कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद और नवगठित जिले शाहपुरा, गंजपुर और सलूंबर समेत करीब 15 जिलों के लोगों को फायदा होगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 2014 में काउंटी में सिर्फ 77 पासपोर्ट केंद्र थे, लेकिन अब 9 वर्षों में यह संख्या 500 हो गई है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार प्रत्येक देशवासी को आसानी से पासपोर्ट सेवाएं प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उद्घाटन समारोह में कोटा सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला वर्चुअल रूप से शामिल हुए. जबकि टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, विधायक संदीप शर्मा, मदन दिलावर, कल्पना देवी, चंद्रकांता मेघवाल और अशोक डोगरा भी उपस्थित रहे.

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