लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार में जुटे नेता जमकर सियासी खिचड़ी पका रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा वोट मिलें. जबकि असल में चावल की खिचड़ी घर के किचन में महिलाएं ही पकाती हैं. लेकिन राजस्थान के जयपुर में एक ऐसी महिला कलाकार हैं जो अपनी कला के जरिए लोगों को मतदान के लिए जागरूक कर रहीं है.
एक तरफ देशभर में लोकसभा चुनाव को लेकर हर राजनैतिक दल जीत के लिए जनता को मनाने में लगे हैं लेकिन जनता की असली ताकत उसका मतदान ही होता है. यही वजह है कि लोकतंत्र में मतदान को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. ऐसे में चुनाव आयोग भी आगामी लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान को लेकर कई अभियान चला रहा है.
इसी बीच जयपुर के सांगानेर की रहने वाली नीरू छाबड़ा ने तो उसी चावल के दाने पर ऐसी कलाकारी की है जिसकी चुनाव आयोग भी सराहना कर रहा है.
नीरू छाबड़ा ने देश के विकास के लिए हर नागरिक से मतदान करने की अपील अपनी कला के जरिये की है. उन्होंने चावल के छोटे-छोटे टुकड़ों पर अपनी सूक्ष्म लेखन कला के जरिये लोगों को वोट के अधिकार का प्रयोग करने की बात रखी है.
उन्होंने चुनाव को देखते हुए भारत के नक्शे के साथ राजस्थान के नक्शे पर भी चावल के दाने पर स्लोगन लिख जागरूकता का काम किया हैं. नीरू छाबड़ा का कहना है कि वर्ष 1984 में घर के किचन में चावल की सफाई करते वक़्त मन में आइडिया आया और फिर चावल के दाने कपर कुछ लिखने का प्रयास किया.
हालांकि, पहली बार में सफल नहीं हुई लेकिन बाद में एक चावल के दाने पर दो अक्षरों से सूक्ष्म लेखन की शुरुआत की थी, जो कि अब एक ही चावल के दाने पर 108 अक्षर लिखने का रिकॉर्ड बन चुका है.
नीरू छाबड़ा के नाम चावल के एक तिनके पर 108 अक्षर लिखने का रिकॉर्ड भी है और हिंदी में संविधान की पूरी परिभाषा भी उन्होंने चावल पर लिखी है. यही वजह है कि वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सहित कई दिग्गज नेता भी उनकी इस कला की तारीफ कर चुके हैं.