राजस्थान हाईकोर्ट के जयपुर ब्रांच में एक संविदाकर्मी ने आत्महत्या कर ली. हाईकोर्ट परिसर में कर्मचारी के सुसाइड के बाद हड़कंप मच गया. मृतक की शिनाख्त मनीष सैनी के तौर पर हुई है. मृतक पिछले 19 सालों से विधि विभाग में संविदा पर नौकरी कर रहा था लेकिन आर्थिक तंगी से परेशान होकर फंदे पर झूल गया. मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें परेशानी का जिक्र किया गया है.
आर्थिक तंगी से परेशान होकर कर्मचारी ने की आत्महत्या
घटना राजस्थान हाईकोर्ट परिसर की तीसरी मंजिल पर बी-ब्लॉक के अपील सेक्शन के कमरा नंबर 306 की है. जहां शुक्रवार सुबह रोजाना की तरह संविदाकर्मी मनीष कुमार सैनी पहुंचा, लेकिन उसके कुछ देर बाद साथी कर्मचारियों ने उसे पंखे से लटका देखा. यह सब देख बाकी कर्मचारियों के होश उड़ गए. तुरंत अशोकनगर थाना पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतार छानबीन शुरू की. इस दौरान पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मृतक ने लिखा था कि 'हे भगवान मुझे विजय मिले या वीरगति, मैं बहुत परेशान हूं, सरकार ने मेरा भला नहीं किया, मैं चाहता हूं मेरे जो भी भाई हैं, जो मेरे साथ काम कर रहे हैं, सरकार उनका भला जरूर करें, जय हिन्द !
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घटना की सूचना मिलने पर मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे और संविदाकर्मियों के साथ धरने पर बैठ गए. इस दौरान वकीलों ने भी हाईकोर्ट के बाहर जाम लगा दिया. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि न्याय के मंदिर में आकर वे लोगों को न्याय दिलाते है लेकिन यहां कार्यरत संविदाकर्मी को न्याय नहीं दिला पा रहें है. मृतक मनीष के साथ करीब 22 संविदाकर्मी पिछले 19 वर्षो से हाईकोर्ट में कार्य कर रहें है लेकिन इनका मानदेय महज 4400 रुपये प्रतिमाह है. इतने कम वेतन में कोई कैसे अपना परिवार का भरण पोषण कर पाएगा, इसलिए नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदाकर्मी कई बार मांग उठा चुके हैं.
2025 से संविदा पर कर रहा था नौकरी
अशोक नगर थाना अधिकारी उमेश बेनीवाल के अनुसार मृतक 40 वर्षीय मनीष कुमार सैनी बांदीकुई का रहने वाला था, जो वर्ष 2005 से राजस्थान हाईकोर्ट में पीपीओ ऑफिस में संविदा पर काम कर रहा था. मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. जानकारी के अनुसार पूरे प्रकरण के बाद रात तक वकील परिजनों के साथ धरने पर बैठे रहें, तब जाकर प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बनी. प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को 11 लाख की आर्थिक मदद के अलावा मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने के अलावा हाईकोर्ट में संविदा पर काम कर रहें कर्मचारियों के वेतन में भी वृद्धि करने का ऐलान हुआ है.