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जयपुर अग्निकांड में रिटायर्ड IAS करणी सिंह की मौत, बेटी के DNA से हुई पुष्टि

जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा में हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हादसे में मरने वालों की संख्या अब 13 हो गई है. घटनास्थल पर मिले शव के अवशेषों की डीएनए जांच के बाद 11 लोगों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी करणी सिंह राठौड़ भी शामिल हैं. उनकी बेटी से उनका डीएनए मिलान किया गया.

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जयपुर अग्निकांड की तस्वीर
जयपुर अग्निकांड की तस्वीर

जयपुर-अजमेर हाईवे के भांकरोटा क्षेत्र में हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हादसे के बाद, मृतकों की संख्या 13 तक पहुंच चुकी है जो कि शुरुआत में 14 बताई गई थी. शुक्रवार सुबह हुए इस हादसे में अनेक वाहन आग की चपेट में आ गए, जिसके चलते 5 लोग घटनास्थल पर ही जल गए थे। बाकी के 8 लोगों ने एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

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शनिवार को फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) द्वारा की गई जांच में पता चला कि पोटली में आए शव के अवशेष एक ही व्यक्ति के थे, जिससे मृतकों की संख्या घटकर 13 रह गई. डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने इस बदलाव की पुष्टि की. उन्होनें बताया कि ब्लास्ट की वजह से शरीर के अंग अलग-अलग हो गए थे, जो शुरुआती जांच में दो अलग-अलग लोगों के माने जा रहे थे.

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रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह की मौत

शव की पहचान के लिए लगभग 25 फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने बिना रुके काम किया. एफएसएल के निदेशक डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को शवों के डीएनए सैंपल एकत्र किए गए थे और शनिवार को पीड़ितों के रिश्तेदारों से प्राप्त सैंपल से उनका मिलान किया गया. एसएमएस अस्पताल में रखे एक शव की पहचान रिटार्यड IAS करणी सिंह राठौड़ के रूप में हुई है. बेटी के डीएनए सैंपल से मिलान के बाद FSL ने इसकी पुष्टि की. भांकरोटा कृषि फार्म से सुबह जयपुर लौटते समय उनकी कार LPG टैंकर ब्लास्ट की चपेट में आ गई थी.

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जिंदा जल गए थे पांच लोग

शुक्रवार की सुबह हुए इस हादसे में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे. वहीं, 8 लोगों ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. एक मौत जयपुरिया हॉस्पिटल में हुई है. 13 मृतकों में से 11 की अब तक पहचान हो चुकी है.

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वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से की जा रही पहचान

शवों की पहचान के लिए डीएनए मिलान के अलावा, जांचकर्ता वाहन रजिस्ट्रेशन नंबरों के माध्यम से पीड़ितों का पता लगा रहे हैं, साइट पर अधिकांश जले हुए वाहनों की पहचान कर ली गई है, सिर्फ दो या तीन अज्ञात हैं .पुलिस दुर्घटना के समय क्षेत्र से मोबाइल फोन गतिविधि का भी विश्लेषण कर रही है. जो फोन आग लगने के बाद निष्क्रिय हो गए थे, वे संभवत रूप से पीड़ितों के हैं. मोबाइल टावर रिकॉर्ड के साथ इस डेटा को क्रॉस-रेफरेंस करके शवों की पहचान की जा सकती है.

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