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ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में इंटरनेशनल कनेक्शन... ACB को मिले विदेशी नागरिकों के फर्जी NOC

जयपुर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में कई विदेशी नागरिकों के फर्जी एनओसी बरामद हुआ है. एसीबी ने इस मामले में इंटरनेशनल कनेक्शन को खंगालने में जुट गई है. साथ ही जयपुर सहित राजस्थान के कई बड़े निजी अस्पताल एसीबी के रडार पर हैं. वहीं इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने भी कई अहम सुराग एसीबी को दिये हैं.

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गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार आरोपी

राजस्थान में फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रकरण में इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आया हैं. रैकेट चला रहे गिरफ्तार आरोपियों ने एसीबी अधिकारियों के सामने चौंकाने वाले राज उगले हैं. राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने में ट्रैप की कार्रवाई के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया. 

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सर्च के दौरान आरोपी गौरव सिंह के ठिकानों से एसीबी को 70 फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट मिले जो बाकायदा पंजीकृत भी थे. यही नहीं करीब 170 फर्जी सर्टिफिकेट ऐसे भी मिले जो भरे जाने बाकी थे. हैरान कर देने वाली बात यह है कि बरामद 70 फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट में से 40 फीसदी विदेशी नागरिकों के पाए गए हैं, जो बांग्लादेश, कंबोडिया और नेपाल सहित अन्य देशों के नागरिक हैं. वहीं बीते 3 साल में 1 हजार के करीब एनओसी जारी हुई है, जिन पर एसीबी को संदेह है.

75 एनोसी में 40 प्रतिशत डोनर और रिसिवर विदेशी
एसीबी के डीआईजी डॉ रवि ने बताया कि एसएमएस अस्पताल (सवाई मान सिंह अस्पताल) के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह की ओर से फर्जी हस्ताक्षर करके 75 कंप्लीट NOC में से 40% से ज्यादा मामले में डोनर और रिसीवर विदेशी हैं. यही नहीं पकड़े गए निजी अस्पतालों के दलाल इमरजेंसी के नाम 1 से 1.5 लाख रुपये तक वसूली करते थे और फर्जी NOC जारी करने की एवज में एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को 30 से 50 हजार रुपये की रिश्वत देते थे.

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कई निजी अस्पताल एसीबी की रडार पर
इधर, एंटी करप्शन ब्यूरो राजस्थान के रडार पर एक दर्जन के करीब निजी अस्पताल भी हैं, जहां ऑर्गन ट्रांसप्लांट होते हैं. इसमें मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया है. यदि एसीबी की जांच में प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल और अन्य अस्पतालों के किसी पदाधिकारी का गिरोह से कनेक्शन मिलता है तो एसीबी किसी भी वक्त उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं. क्योंकि बीते 1 साल में NOC कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई, फिर कैसे ऑर्गन ट्रांसप्लांट की NOC जारी की गई.

मानव अंगों की खरीद-फरोख्त की नहीं हुई है पुष्टि
हालांकि एसीबी की जांच में मानव अंगों की खरीद फरोख्त की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विदेशी नागरिकों का निजी अस्पतालों में फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर कितनी राशि वसूली गई इसको लेकर जांच पड़ताल चल रही हैं. 

अस्पतालों के फाइल खंगाल रही है एसीबी 
बता दें कि बीते दिनों राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने सवाई मानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को रिश्वत लेते ट्रैप किया. इसके बाद एसीबी ने EHCC अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी के साथ फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विनोद को भी गिरफ्तार किया था. आरोपियों से पूछताछ के बाद एसीबी की टीमें जयपुर के निजी अस्पतालों में सर्चिंग कर मिली फाइलों को खंगाल रही हैं.

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