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तारीख 5 दिसंबर... राजस्थान की राजधानी जयपुर का श्याम नगर जनपथ इलाका. यहां जयपुर का कपड़ा कारोबारी नवीन शेखावत स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार होकर दो युवकों के साथ श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर आया. यूं तो सुखदेव सिंह के घर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. लेकिन सुखदेव नवीन को जानते थे. इसलिए उन्होंने बिना चेकिंग के ही नवीन शेखावत को आने दिया.
फिर शुरू हुआ बातचीत का सिलसिला. सोफे पर एक तरफ सुखदेव बैठे थे तो सामने नवीन के साथ आए दोनों युवक. वहीं, बगल में नवीन शेखावत भी बैठे थे. किसी सिलसिले में चारों आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी सुखदेव के मोबाइल पर एक कॉल आया. जैसे ही सुखदेव ने कॉल उठाया, नवीन के साथ आए दोनों युवकों में से एक युवक अचानक उठा और सुखदेव को गोली मार दी.
बिना समय गंवाए दूसरे युवक ने भी फायरिंग शुरू कर दी. सुखदेव को जैसे ही गोली लगी तो उनके शरीर से खून की धार निकलनी शरू हो गई. वहां मौजूद सुखदेव के बॉडीगार्ड कुछ समझ पाते कि तभी दोनों युवकों ने नवीन शेखावत पर भी फायरिंग कर दी. पूरा कमरा गोलियों की आवाज से गूंज पड़ा. फायरिंग के दौरान गोगामेड़ी के गार्ड ने उन्हें बचाने की कोशिश भी की. लेकिन बदमाशों ने उस पर भी फायरिंग कर दी. जाते समय भी एक बदमाश ने गोगामेड़ी के सिर में गोली मार दी. फिर दोनों बदमाश वहां से भागने लगे. इस दौरान सुखदेव के गार्ड्स ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन पर भी फायरिंग की जिस कारण गार्ड अजीत सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया.
स्कूटी सवार को गोली मारी, फिर हुए फरार
फायरिंग के बाद दोनों बदमाश दौड़ते हुए एक गली से निकले और एक कार को रोकने की कोशिश की. वो चाहते थे कि उस कार में सवार होकर वे वहां से कहीं दूर भाग जाएं. कार सवार को उन्होंने दूर से ही पिस्तौल दिखाई ताकि वो गाड़ी को रोक दे. लेकिन कार सवार ने गाड़ी नहीं रोकी और वहां से वह तेजी से निकल गया. इसके बाद बदमाशों ने स्कूटी सवार को अपने निशाने पर लिया. उन्होंने सोचा कि अगर ये मौका हाथ से गंवाया तो शायद वे पकड़े जाएं. उन्होंने फिर स्कूटी सवार को गोली मार दी गई. जिसके बाद वह भी घायल हो गया. इसके बाद बदमाशों ने उसकी स्कूली ली और उसमें सवार होकर वहां से फुर्र हो गए.
वहीं, खून से लथपथ हालत में सोफे पर पड़े गोगामेड़ी को इलाज के लिए तुरंत मेट्रो मास अस्पताल ले जाया गया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. खबर फैली तो पूरे राजस्थान में हंगामा मच गया. सूचना मिलने पर श्याम नगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची. गोगामेड़ी के संगठन से जुड़े लोगों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए मानसरोवर में सड़कें अवरुद्ध कर दीं.
20 सेकंड में 6 गोलियां बरसाईं
जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने इस केस पर तुरंत एक्शन लेने को कहा. पुलिस वाले सुखदेव के घर पहुंचे. जहां उन्होंने सीसीटीवी बरामद किया. इसमें पूरी वारदात दिखी. कैसे बदमाशों ने 20 सेकंड के अंदर सुखदेव को 6 गोलियां मारीं. तो वहीं नवीन को भी गोरी मारकर मौत के घाट उतार दिया. हत्यारे नवीन के साथ जिस स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार होकर आए थे वो वहीं थी. पुलिस वालों ने उस कार से एक बैग, शराब की बोतल और खाली गिलास बरामद किए. घटना के बाद एफएसएल टीम की मदद से फायरिंग वाली जगह यानी मौका-ए-वारदात से तमाम तरह के सुबूत जुटाए गए.
जयपुर से लेकर सीकर तक मचा बवाल
उधर राजस्थान में यह बात आग की तरह फैलने लगी. राजपूत समाज समेत कई लोगों और संगठनों में इस हत्याकांड को लेकर बवाल मचने लगा. जयपुर के जिस अस्पताल में सुखदेव सिंह ने आखिरी सांस ली, उसके बाहर समर्थकों ने प्रदर्शन किया, आगजनी की और बस में तोड़फोड़ करने की कोशिश की. सीकर शहर बंद कर दिया गया. सोशल मीडिया पर जब इस घटना के वीडियो और फुटेज सामने आए तो जयपुर शहर में हंगामा होना शुरू हो गया. धीरे-धीरे जयपुर, सीकर, बारां, चूरू नागौर समेत कई शहरों से आगजनी की खबरें सामने आने लगी. जयपुर में ए श्रेणी की नाकाबंदी कराई गई.
गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंग ने ली जिम्मेदारी
पुलिस पर भी फरार आरोपियों को पकड़ने का दबाव बनने लगा तो इसी बीच फेसबुक पर एक ऐसा पोस्ट आया जिससे और बवाल मच गया. यह पोस्ट था गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से. गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से बने फेसबुक पेज पर सुखदेव की हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी. उस पोस्ट में लिखा, "सभी भाइयों को राम राम, मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़. भाइयों, आज सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई. हम इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. यह हत्या हमने करवाई है. भाइयों मैं चाहता हूं कि आपको बता दें कि वह हमारे दुश्मनों का साथ देते थे. उन्हें मजबूत करते थे. जहां तक दुश्मनों की बात है तो उन्हें अपने घर के दरवाजे पर अपनी अर्थी तैयार रखनी चाहिए. जल्द ही उनसे भी मुलाकात होगी."
एक्शन में राजस्थान पुलिस
बस इस पोस्ट के बाद तो और पुलिस ने अपनी कार्रवाई को और ज्यादा तेज कर दिया. हर तरफ नाकाबंदी करवाई गई. जगह-जगह के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने लगे ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके. राजपूत समाज से जुड़े हुए कई अन्य संगठनों ने तो ये तक कह दिया कि हम सीएम का शपथ ग्रहण तब तक नहीं होने देंगे जब तक कि आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर लेगी. घटना के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने डीजीपी उमेश मिश्रा को तलब किया.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद डीजीपी उमेश मिश्रा ने प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए. उन्होंने हत्यारों को पकड़ने के लिए बैरिकेडिंग के निर्देश भी जारी किए. संबंधित जिलों में विशेष सतर्कता के साथ-साथ सुरक्षा बढ़ाने के लिए भी कहा गया. इसी तरह एक दिन बीत गया. फिर अगले दिन भी मामला कहां शांत पड़ने वाला था. राजपूत समाज के कई संगठनों के आह्वान पर आज पूरे राजस्थान को बंद किया गया है.
दोनों आरोपियों की हुई पहचान
पुलिस भी अपनी तफ्तीफ में जुटी हुई है. तभी इस केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. बातचीत के दौरान महज 10 मिनट के अंदर सुखदेव की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली. एक का नाम रोहित राठौर है. जो कि नागौर के मकराना का रहने वाला है. वहीं, दूसरे का नाम नितिन फौजी है. वो हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला है. फिलहाल दोनों फरार हैं. लेकिन पुलिस का कहना है कि दोनों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. लेकिन पुलिस इस केस को रोहित गोदारा के एंगल से भी खंगाल रही है. क्योंकि इस सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए रोहित गोदारा गैंग ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है.
कौन है रोहित गोदारा?
बता दें, गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग का गुर्गा है. पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. गोदारा साल 2022 में फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर देश से भाग गया था. विदेश जाने से पहले गोदारा बीकानेर के लूणकरणसर में रहता था. वह 2019 में चूरू के सरदारशहर में भींवराज सारण की हत्या के मामले में भी मुख्य आरोपी था. गोदारा ने गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या की भी जिम्मेदारी ली थी.
लंबे समय तक राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे सुखदेव
उधर राजस्थान अभी भी सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या से दहला हुआ है. आखिर कौन हैं सुखदेव गोगामेड़ी और क्या है करणी सेना का इतिहास? बता दें, 2017 में जयगढ़ में फिल्म पद्मावत की शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना के लोगों ने तोड़फोड़ की थी. गोगामेड़ी फिल्म पद्मावत और गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामले के बाद राजस्थान में हुए विरोध प्रदर्शन के चलते ही सुर्खियों में आया था. हमलावरों के हाथों मारे गए सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. इससे पहले वह लंबे समय तक राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे थे. मगर विवाद हो जाने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से एक अलग संगठन बनाया था.
विवाद के बाद बनाया अपना संगठन
करणी सेना का गठन सबसे पहले साल 2006 में हुआ था. बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने एक अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया. साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से एक अलग संगठन बनाया था.