राजस्थान की जयपुर पुलिस ने एक ऐसे हाईटेक वाहन चोर को पकड़ा है, जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से पुरानी गाड़ियों को हैक कर उन्हें दोगुनी कीमत पर तस्करों को सप्लाई करता था. इसके बाद कार मालिक तो छोड़ो पुलिसकर्मी भी चोरी हुई कार को ट्रेस नहीं कर पाते थे. इस डिवाइस से अब तक शातिर चोर 19 कारें गायब कर चुका है, जो सिर्फ क्रेटा गाड़ियां ही हैं. लेकिन हाईटेक चोर की एक गलती ने उसे जेल पहुंचा दिया और जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो एकबारगी सबके होश उड़ गए.
जयपुर ईस्ट डीसीपी कावेन्द्र सागर ने बताया कि इलाके में बढ़ती वाहन चोरी की घटना के बाद आदर्शनगर थानाधिकारी सुभाषचंद और जवाहर सर्किल थानाधिकारी विनोद सांखला के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम गठित की गई थी, जो लगातार इलाके में सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी थी. तब आरोपी की पहचान रामप्रसाद मीणा उर्फ रामवीर के तौर पर हुई.
इसके बाद बीते 22 जून को इनपुट मिला कि आरोपी रामप्रसाद जयपुर के GT मॉल के पास किसी वारदात की फिराक में है. इसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे दबोच लिया. पुलिस पूछताछ में उसने कार चोरी करना स्वीकार किया. इसके बाद उसके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और महंगी लग्जरी गाड़ियों की चाबियां बरामद कीं.
यही नहीं, बीते 2 महीने में आधा दर्जन वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम देना भी स्वीकार किया. आरोपी रामप्रसाद साल 2019 से बाइक चोरी करता था, लेकिन नवंबर 2023 में जयपुर सेंट्रल जेल से छूटने के बाद पैसा कमाने का हाईटेक तरीका अपनाते हुए अपने साथी मनीष सोलंकी उर्फ मनसा के साथ मिलकर कार चोरी करना शुरू कर दिया. इसके बाद शातिर ने जयपुर से 7 और गुरुग्राम-दिल्ली से 12 क्रेटा गाड़ियां चुराकर जोधपुर, चित्तौड़गढ़, पाली और जालोर के तस्करों को सप्लाई कर दीं.
पुलिस पूछताछ में आरोपी रामप्रसाद ने अपने हाईटेक वाहन चोरी की तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि कार को चुराने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कार के जीपीएस और कंपनी के लगाए गए डिवाइस को हैक करता था. इसके बाद रेडियो रिपीटर से कार की चाबी हैक कर उसका लॉक तोड़ दिया करता था. इससे पहले फास्टैग से ट्रेस न हो, इसलिए अपने मोबाइल फोन में गूगल मैप की मदद से अलग रूट भी पहले से सेट कर देता था और मौका मिलते ही कार को चोरी कर फरार हो जाता था.
चोरी की गई कार को कभी टोल पर लेकर नहीं गया, इसके लिए उसने गूगल मैप पर उसके आस पास गांव के रास्ते सर्च करके बिना टोल के निकाल दिया करता था. तभी तो दिल्ली से कार को चुराने के बाद आरोपी जयपुर पहुंच जाता और पुलिस भी पकड़ नहीं पाती थी.
इसके बाद फर्जी नंबर प्लेट लगा तस्करों को गाड़ी बेच दिया करता था. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तस्करों की तेज रफ्तार वाली क्रेटा गाड़ी ही पहली पसंद थी, ऐसे में शातिर उन्हीं गाड़ियों को टारगेट करता था, ताकि तस्कर उसे मोटी रकम दे सकें.
बता दें कि जिस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ECM से हाईटेक वाहन चोरी की घटना को अंजाम देता था, वो बड़े आसानी से मार्केट में उपलब्ध है. यही नहीं, ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर यह डिवाइस बहुत कम कीमत में मिल जाता है. इलेक्ट्रॉनिक कांटेक्ट मैनेजमेंट डिवाइस को किसी भी कार की स्टीयरिंग, लॉक डिब्बी या फिर जहां से कार कनेक्ट होती है, डिवाइस को इसी से जोड़ते हैं और कुछ ही मिनट में कार को हैक किया जा सकता है. शातिर वाहन चोर ने भी इसी हाईटेक तकनीक को अपनाया था लेकिन अब जेल की हवा खा रहा है.