राजस्थान बीजेपी में अचानक तेज हुईं राजनीतिक गतिविधियों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिन के दौर पर जयपुर आ रहे हैं. सरकार बनने के बाद पहली बार जयपुर आ रहे नड्डा के दौरे को मंत्रिमंडल और सरकार में फेरबदल से जोड़कर देखा जा रहा है. नड्डा गुरुवार दोपहर 2 बजे जयपुर पहुंचेंगे, जहां गुरुवार और शुक्रवार को सरकार और संगठन की बैठक लेंगे.
कहा जा रहा है कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में राजस्थान में मंत्रिमंडल में फेरबदल होना है, इसके अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्ति होनी है. ग्रामीण विकास और कृषि मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण महकमे के मंत्री सीनियर नेता किरोड़ी लाल मीणा पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से इस्तीफ़ा देकर बैठे हैं, जिससे सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है. नड्डा के दौरे में इस पर भी फैसला लिया जा सकता है.
कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे को लेकर भी बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला लेने जा रहा है. दो दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दिल्ली बुलाया गया था, जहां सरकार में फेरबदल को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा हुई थी.
सीएम भजनलाल ने दिल्ली में की वसुंधरा राजे से मुलाकात
इससे पहले राजस्थान सरकार के एक साल पूरा होने के अगले दिन ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दिल्ली बुलाया गया था. लेकिन संसद में आंबेडकर पर उठे विवाद की वजह से दिनभर इंतजार करने के बाद भजनलाल शर्मा जयपुर लौट आए थे. भजनलाल शर्मा का दिल्ली दौरा इसलिए भी ख़ास माना जा रहा है, क्योंकि अमित शाह से मिलने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली में वसुंधरा राजे के घर सिंधिया निवास में जाकर मुलाकात की थी.
कई मुद्दों पर नाराज चल रही हैं वसुंधरा
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वसुंधरा राजे कई मुद्दों पर नाराज चल रही थीं, जिसे उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ लंबे समय बाद हुई मुलाकात में रखा था. पीएम मोदी इसके बाद राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से भी मिले थे. जेपी नड्डा के दौरे को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है.
सांगठनिक चुनाव को लेकर भी चर्चा करेंगे नड्डा
वसुंधरा राजे कुछ दिनों से राज्य में ताबड़तोड़ दौरे कर रही हैं, इससे भी अटकलों का बाज़ार गर्म है. कहा जा रहा है कि सरकार बनने के साथ ही हाशिए पर चल रहे वसुंधरा समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में और समर्थक नेताओं को संगठन में जगह दी जा सकती है. जेपी नड्डा सांगठनिक चुनाव को लेकर भी चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि कुछ जिलों में बीजेपी के सदस्यता अभियान में पिछड़ने की वजह से भी केंद्रीय नेतृत्व नाराज है.