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Kanhaiyalal murder case: कन्हैयालाल के दोनों बेटों को मिली सरकारी नौकरी, गहलोत सरकार ने लिया फैसला

कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच के दौरान दोनों आरोपित रियाज अख्तर और गौस मोहम्मद को हिरासत में ले लिया गया. एजेंसी के अनुसार, उदयपुर निवासी दोनों आरोपियों से NIA के जयपुर कार्यालय में पूछताछ की जा रही है.

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30 जून को कन्हैयालाल के परिजन से अशोक गहलोत ने मुलाकात की थी.
30 जून को कन्हैयालाल के परिजन से अशोक गहलोत ने मुलाकात की थी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गहलोत ने 50 लाख रुपये का चेक भी सौंपा था
  • 28 जून को की गई थी कन्हैयालाल की हत्या

उदयपुर हत्याकांड में मारे गए कन्हैयालाल के बेटों को राजस्थान की गहलोत सरकार ने सरकारी नौकरी दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि कैबिनेट ने उदयपुर की घटना में मारे गए कन्हैयालाल के बेटे यश तेली और तरुण तेली को सरकारी सेवा में नियुक्त करने का फैसला किया है. 

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सीएम गहलोत के मुताबिक, यश और तरुण को राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिक सेवा (संशोधन) नियम, 2008 और 2009 के नियम 6सी के तहत नियुक्ति के नियमों में छूट दी गई है. राजस्थान सरकार की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार ने परिवार की मदद करने का फैसला किया क्योंकि कन्हैयालाल परिवार का एकमात्र कमाने वाला था.

बता दें कि कन्हैयालाल की हत्या के बाद उदयपुर जिले के धनमंडी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16, 18 और 20 के तहत कन्हैयालाल की हत्या के संबंध में दो हमलावरों द्वारा तेजधार हथियार से हमला करने का मामला दर्ज किया गया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद NIA ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के अनुसार मामले की जांच शुरू की और केंद्रीय एजेंसी के पुलिस अधीक्षक रवि चौधरी, एक आईपीएस अधिकारी को मुख्य जांच अधिकारी के रूप में मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया. 

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NIA ने अलग-अलग धाराओं में फिर से दर्ज किया था मामला

NIA ने भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूए (पी) ए, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत आरोपियों के खिलाफ फिर से मामला दर्ज किया. 

NIA की छह से 10 सदस्यीय टीम एक आईजी और एक डिप्टी आईजी रैंक के अधिकारी की निगरानी में मामले की जांच कर रही है. कन्हैयालाल की निर्मम हत्या करने के बाद दोनों आरोपियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी थी. 

28 जून को की गई थी कन्हैयालाल की हत्या

बता दें कि 28 जून को कन्हैयालाल की सिर काटकर हत्या कर दी गई थी. दो दिन बाद यानी 30 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कन्हैयालाल के घर जाकर पीड़ित परिजन से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने आर्थिक सहायता के तौर पर 50 लाख रुपये का चेक सौंपा था और कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था. 

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