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15 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट, फिर रिटायर्ड प्रोफेसर से 87 लाख रुपए की ठगी

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. साइबर अपराधियों ने जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर को निशाना बनाया है. रिटायर्ड प्रोफेसर को लगभग 14 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उसके खाते से 87 लाख से अधिक की रकम हड़प ली है. पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है.

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प्रतीकात्मक फोटो (Photo: Meta AI)
प्रतीकात्मक फोटो (Photo: Meta AI)

राजस्थान के जोधपुर में साइबर अपराधियों द्वारा लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. जालसाजों ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर को निशाना बनाया और करीब 15 दिन में उनसे 87 लाख रुपए ठग लिए. इसके लिए जालसाजों ने उन्हें कई कस्टम अधिकारी प्रमोद कुमार के नाम से कॉल किया. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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डीसीपी ईस्ट आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. अरुणा सोलंकी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पूरी वारदात 20 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हुई है. डॉ. अरुणा सोलंकी एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में  माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. रिटायरमेंट के बाद वे पाली मेडिकल कॉलेज में ही रहीं. 70 साल की उम्र में 31 जुलाई को वहां से रिटायर होने से पहले वे वहां प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं.

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रिटायर होने के बाद साइबर अपराधियों ने डॉ. सोलंकी को कॉल कर उनसे सभी बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली. डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वह 31 जुलाई को ही रिटायर हो चुकी हैं. इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे पूछा कि एफडी कितनी है. बाद में चार पत्र भेजे, जिसमें सीबीआई से समझौता, संपत्ति जब्ती, गिरफ्तारी वारंट और केस रिपोर्ट के कागजात भी शामिल थे.

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उन्होंने तीन साल का वित्त लेनदेन ले लिया. फिर दबाव बनाकर 51 लाख की एफडी तुड़वाकर अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली. इसके बाद भी वे रोज फोन करके धमकाते रहे. फिर जमानत याचिका के लिए 8 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए. ठगों ने डॉक्टर को इतना डरा दिया कि वह उनसे हर वह बात कहती रही, जो उन्होंने पूछा. क्योंकि ठगों ने डॉक्टर से कहा था कि उनकी पूरी रकम वापस कर दी जाएगी.

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28 अगस्त को उन्होंने डॉक्टर को फोन करके कहा कि आपकी बची हुई एफडी का भी रिव्यू करना है. इस पर डॉक्टर ने मना कर दिया और कहा कि पहले मेरा पैसा लौटाओ. फिर ठगों ने धमकाया, जिससे एफडी के 21 लाख रुपये तुड़वाकर खाते में ट्रांसफर करवा लिए.

3 सितंबर को उन्होंने फिर कहा कि आपको नो क्राइम बांड लेना होगा. इसके लिए उन्होंने पांच लाख रुपये लिए. 5 सितंबर को उन्होंने कहा कि वकील पैसे वापस करने का काम करेंगे. फीस के तौर पर दो लाख देने होंगे. आखिरकार डॉक्टर ने दो लाख और दे दिए. इसके बाद कॉल आने बंद हो गए. इसके बाद डॉक्टर ने पुलिस से संपर्क किया. कुल 87 लाख रुपए ठगे गए हैं. अब पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

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