राजस्थान के उदयपुर जिले में शुक्रवार को वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक आदमखोर तेंदुए को मार गिराया है. एक अधिकारी ने बताया कि उदयपुर जिले में 18, 19, 20, 25, 28 और 30 सितंबर को तेंदुओं ने इंसानों को अपना शिकार बनाया था. सभी घटनाओं में तेंदुए के हमले का स्थान उप वन संरक्षक उदयपुर (उत्तर) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत छाली, बगडुंडा, मजावद और मदार था.
दरअसल, बुधवार को बडगांव के मदार गांव में खेत में काम कर रही दो महिलाओं पर तेंदुए ने हमला कर दिया. हमले में गंभीर रूप से घायल हुई महिलाओं में से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई. शहर के पास मदार इलाके में गोली मारकर मारा गया तेंदुआ इन हमलों में शामिल बताया जा रहा है. प्रभागीय वनाधिकारी अजय चित्तौड़ा ने बताया कि सैंपल जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की पुष्टि की जाएगी.
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मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय ने पीटीआई को बताया कि तेंदुए एक से अधिक भी हो सकते हैं, इसलिए यह दावा नहीं किया जा सकता कि सभी हमलों में एक ही तेंदुआ शामिल था. फिलहाल सतर्कता में कोई ढील नहीं दी गई है और गुजरात से एक टीम को गुरुवार को सात दिन के लिए मदार क्षेत्र में बुलाया गया है. बुधवार को हमला करने वाले तेंदुए और आज मारे गए तेंदुए के डीएनए सैंपलिंग टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं. फाइनल टेस्ट के नतीजों से पुष्टि होगी कि यह एक ही जानवर था या नहीं.
उपाध्याय ने कहा कि इस तेंदुए के मारे जाने के साथ ही हमने शूटिंग के लिए जो अनुमति पहले जारी की थी, वह खत्म हो गई है और अब कोई भी तेंदुए को नहीं मार सकता. प्रभागीय वनाधिकारी अजय चित्तौड़ा ने बताया कि तेंदुआ वयस्क नर था, जो जाहिर तौर पर आदमखोर हो गया था. बुधवार को मारी गई महिला 18 सितंबर के बाद से तेंदुए के हमले में मौत का आठवां मामला था.
आठ मृतकों में चार महिलाएं और एक पांच साल का बच्चा शामिल है, जो उदयपुर के अलग-अलग इलाकों में तेंदुए के हमले में मारे गए. तेंदुए के हमलों और स्थानीय लोगों में बढ़ते गुस्से से चिंतित वन अधिकारियों ने पिछले महीने तेंदुए को ट्रैक करने के लिए पिंजरे, कैमरा ट्रैप लगाए और भारतीय सेना से मदद मांगी. नतीजतन, अलग-अलग जगहों से तीन तेंदुए पकड़े गए.
हालांकि, 1 अक्टूबर को सुआवतों का गुढ़ा में अपने घर के बाहर मवेशी चरा रही 55 वर्षीय महिला की हत्या के बाद अधिकारियों ने तेंदुए को गोली मारने का आदेश जारी किया. इस शर्त पर अनुमति दी गई कि तेंदुए को बेहोश करने या जाल में फंसाने का प्रयास किया जाना चाहिए. अगर जानवर बेहोश नहीं हो पाता या जाल में नहीं फंसता है, तो उसे मारने से पहले उसकी सही पहचान सुनिश्चित की जानी चाहिए.