राजस्थान के जयपुर में रेलवे में कार्यरत 35 साल के असिस्टेंट लोको पायलट लोकेश मालव ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना उज्जवल विहार इलाके की है, जहां गुरुवार शाम को उनके भाई ने उन्हें छत के पंखे से लटका हुआ पाया.
क्या है पूरा मामला?
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक घटना को लेकर सर्कल इंस्पेक्टर देवेश भारद्वाज ने बताया कि लोकेश मालव के भाई ने आरोप लगाया कि उनकी आत्महत्या के पीछे ससुराल पक्ष और पत्नी का दबाव था. उनकी पत्नी पिछले दो सालों से उनसे अलग रह रही थी और चार साल के बेटे से मिलने की अनुमति भी नहीं दे रही थी. यह तनाव लगातार उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रहा था.
परिवार का कहना है कि लोकेश अपनी पत्नी और बेटे से अलगाव को लेकर बेहद परेशान थे और इसी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया. जहां एक ओर परिवार ने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाए, वहीं लोकेश के सहकर्मियों ने दावा किया कि उनकी आत्महत्या के पीछे रेलवे प्रशासन की प्रताड़ना थी. उनका कहना था कि ड्यूटी के दौरान अल्कोहल टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद लोकेश पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी, जिससे वो मानसिक रूप से तनाव में आ गए थे.
उनके सहयोगियों ने लोकेश के शव को एंबुलेंस में DRM कार्यालय के बाहर रखकर करीब एक घंटे तक प्रदर्शन किया और रेलवे प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की आड़ में उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे वो मानसिक रूप से टूट चुके थे.
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 194 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. इस घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही है. वो मांग कर रहे हैं कि लोकेश मालव की आत्महत्या की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.