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राजस्थान में एक दिन में 500 से ज्यादा गोवंश की मौत, दफनाने के लिए कम पड़ रही जमीन

लंपी स्किन डिजीज की वजह से राजस्थान के बाड़मेर में बीते 24 घंटे में 500 से ज्यादा गोवंश की मौत हो चुकी है. सबसे बुरा हाल बाड़मेर जिले के बॉर्डर के गांव में है, जहां प्रशासन के सारे दावे पूरी तरीके से फेल हो चुके हैं.

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राजस्थान में लगातार हो रही गायों की मौत
राजस्थान में लगातार हो रही गायों की मौत

राजस्थान के बाड़मेर में गोवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज (बीमारी) पूरे तरीके से जानलेवा हो गई है. हालात ये है कि सरकारी आंकड़ों में पिछले 24 घंटों में 500 से ज्यादा गोवंश की मौत हो चुकी है, जबकि धरातल पर यह आंकड़ा करीब तीन गुना से ज्यादा बताया जा रहा है. 

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आलम यह है कि गोवंश को दफन करने के लिए शहर से लेकर गांव तक जमीन कम पड़ने लगी है. लंपी स्किन डिजीज एक संक्रमित रोग है जो गोवंश में महामारी की तरह फैल रहा है. बाड़मेर जिला मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर एक डंपिंग यार्ड है, जहां पहले जानवरों को दफनाया जाता था. 

पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पहले इस डंपिंग यार्ड में आमतौर पर दो या तीन मृत गोवंश के शव आते थे, लेकिन पिछले 15 दिनों से रोजाना 20- 25 या कभी-कभी तो 40 से 50 मृत गोवंश को लाया जा रहा है.

यह तो केवल शहर और उसके आसपास के इलाकों का आंकड़ा है. इस डंपिंग यार्ड में दफनाने के लिए जगह नहीं बची है इसलिए ठेकेदार ने जमीन पर ही चारों तरफ सैकड़ों की तादाद में मृत गोवंश को रखा है. जब ठेकेदार से पूछा गया कि दफन क्यों नहीं किया जा रहा है तो ठेकेदार का कहना था कि इतनी जगह ही नहीं बची है.

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आज तक की टीम जब डंपिंग यार्ड पर पहुंची तो आसपास के रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले 15 दिन से उनका जीना मुश्किल हो गया है, मृत गोवंश को दफनाया नहीं जा रहा और खुले में रखा जा रहा है. इससे भयंकर दुर्गंध फैल रही है, जिससे जीना दूभर हो गया है.

आजतक की टीम इसके बाद गोपाल गौशाला पहुंची. गौशाला के संचालक ने बताया कि करीब 250 गोवंश इस बीमारी की चपेट में आए थे, जिस वजह से 150 गोवंश की मौत हो चुकी है. 100 के करीब अभी भी पीड़ित हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.

बाड़मेर के जिला कलेक्टर लोकबंधु ने बताया कि सरकार और प्रशासन पूरी तरीके से बीमारी को काबू करने की कोशिश में है. बाड़मेर जिले में 25 से ज्यादा टीमें प्रभावित इलाकों में सर्वे कर पीड़ित गोवंश का इलाज कर रही है. 

अभी तक जिले में 80 हजार गोवंश का सर्वे हुआ है, जिसमें 16 हजार गोवंश इस रोग से पीड़ित पाया गया है. पिछले 24 घंटों में करीब 500 गोवंश की मौत हो चुकी है. बाड़मेर में 10 लाख के करीब गोवंश है और अब तक मात्र 80 हजार गोवंश का ही सर्वे हो पाया है जो करीब 8% है.

सबसे बुरा हाल बाड़मेर जिले के बॉर्डर के गांव में है, जहां पर सरकार के सारे दावे पूरी तरीके से फेल हो चुके हैं. ना तो कोई इलाज पहुंच पा रहा है और ना ही सरकार की टीमें बॉर्डर के सुदूर गांवों में पहुंच रही है.

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