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'मणिपुर में किसी और दल की सरकार होती तो राष्ट्रपति शासन लग जाता...', बोले सचिन पायलट

मणिपुर हिंसा और महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने पीएम मोदी की चुप्पी को लेकर तीखे प्रहार किए. कहा कि मणिपुर की घटना से समूचा भारत विचलित है. मगर, पीएम तीन महीने से मौनव्रत किए बैठे हैं. अगर मणिपुर में किसी और दल की सरकार होती तो राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता.

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टोंक पहुंचे सचिन पायलट.
टोंक पहुंचे सचिन पायलट.

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम एवं टोंक विधायक सचिन पायलट गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. सबसे पहले वो जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पहुंचे और नव नियुक्त जिलाध्यक्ष हरी प्रसाद बैरवा के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला.

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इस दौरान पायलट निवर्तमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण चौधरी, देवली-उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीणा और मानेसर कांड के दौरान उनका साथ छोड़कर सीएम गहलोत गुट में शामिल होने वाले निवाई विधायक प्रशांत बैरवा से भी मंत्रणा करते नजर आए. 

खास बात ये रही कि लगभग 8 मिनिट के संबोधन के दौरान पायलट न तो पेपरलीक, न आरपीएससी मामले पर और न ही पूर्व मुख्यमंत्री राजे खिलाफ आक्रामक दिखे. उन्होंने अपना पूरा संबोधन कांग्रेस संगठन, प्रधानमंत्री मोदी के बार-बार हो रहे राजस्थान दौरों और मणिपुर में हो रही हिंसा पर ही केंद्रित रखा.

पीएम मोदी पर सचिन पायलट के प्रहार

मणिपुर हिंसा और महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने पीएम मोदी पर तीखे प्रहार किए. पायलट ने कहा कि केंद्र में विपक्षी दलों के गठबंधन द्वारा अपना नाम इंडिया रखने से भी न सिर्फ बीजेपी बल्कि स्वयं पीएम मोदी भी घबराए हुए हैं. पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मणिपुर की घटना से समूचा भारत विचलित है. मगर, पीएम तीन महीने से मौनव्रत किए बैठे हैं.

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'शांति और सौहार्द्र की बहाली को पहली जरूरत'

मणिपुर में शांति और सौहार्द्र की बहाली को पहली जरूरत बताते हुए कहा कि अगर वहां किसी और दल की सरकार होती तो राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता. वहीं, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की लाल डायरी पर पूछे गए सवाल को पायलट पूरी तरह टालते नजर आए.

'काम के आधार पर होता है कार्यकर्ता का सम्मान'

पायलट ने पार्टी की जीत का मूलमंत्र कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ में होने की बात कहते हुए कहा कि एआईसीसी और पीसीसी ने टोंक का जिलाध्यक्ष दलित वर्ग से बना साबित कर दिया है कि यहां कार्यकर्ता का सम्मान उसके काम के आधार पर होता है.

'इनसे राजस्थान को कोई फायदा नहीं होने वाला'

पायलट ने कहा कि हमारा लक्ष्य न सिर्फ टोंक जिले की चारों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करना है बल्कि जिन जिन राज्यों में आगामी दिनों में चुनाव हैं, वहां कांग्रेस को जीत दिलाना है. पायलट ने अपने संबोधन में पीएम के बार-बार हो रहे राजस्थान दौरों पर भी निशाना साधा. कहा कि उनके दौरे राजनीतिक दृष्टि से हो रहे हैं. इनसे राजस्थान को कोई फायदा नहीं होने वाला है.

 

 

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