राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी किसे चुनेगी, इस पर सस्पेंस बना हुआ है. इस बीच, दिल्ली में सीएम का नाम तय करने के लिए बैठकों का दौर जारी है. दिल्ली में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. दोनों के बीच 80 मिनट तक बातचीत हुई. राजे के साथ उनके सांसद बेटे दुष्यंत भी मौजूद रहे. एक दिन पहले ही दुष्यंत पर रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के आरोप लगे थे. वहीं, वसुंधरा को लेकर भी प्रेशर पॉलिटिक्स की चर्चा तेज हो गई थी. इस बीच, गुरुवार को कोटा संभाग के पांच विधायकों को एक रिसॉर्ट में रखे जाने की खबरों ने हलचल पैदा कर दी है.
बता दें कि गुरुवार को बीजेपी एमएलए ललित मीना के पिता हेमराज मीना ने दावा किया कि उनके नवनिर्वाचित विधायक बेटे को एक रिसॉर्ट में बंधक बनाकर रखा गया है. आरोप है कि पांच विधायकों को रिजॉर्ट में रखा गया था. पिता ने बीजेपी कार्यालय को सूचना दी. उसके बाद बुधवार सुबह ललित मीना को वहां से लाया गया. ललित बारां जिले के किशनगंज से विधायक चुने गए हैं.
'नए सीएम फेस पर चल रहा है मंथन'
इससे पहले दिल्ली में राजस्थान का सीएम चुनने के लिए हाईकमान मंथन कर रहा है. हालांकि, अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है. लगातार बैठकों और मंथन के बीच कुछ नामों को रेस में आगे बताया जा रहा है. उनमें वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, अर्जुनराम मेघवाल, ओमप्रकाश माथुर, बाबा बालकनाथ के नाम की भी चर्चा है. गजेंद्र और अश्विनी केंद्र सरकार में मंत्री हैं. जबकि माथुर छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रभारी हैं.
'दुष्यंत के साथ नड्डा से मिलने पहुंचीं वसुंधरा'
गुरुवार को वसुंधरा राजे ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. दोनों के बीच करीब सवा घंटे बातचीत हुई. जब राजे बाहर निकलीं तो उनकी कार में बेटे दुष्यंत सिंह भी बैठे थे. दोनों मीडिया से बिना बातचीत किए आगे निकल गए. वसुंधरा के चेहरे पर मुस्कराहट थी. हालांकि, क्या बातचीत हुई है, ये साफ नहीं हो सका है. कहा जा रहा है कि राजस्थान में दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर भी विचार किया जा रहा है.
'साधे जा रहे हैं सियासी समीकरण'
इससे पहले दोपहर में बाबा बालकनाथ ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद वो गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे. बताया जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही राज्य में पर्यवेक्षक भेजेगी. उसके बाद विधायक दल की बैठक होगी और उसमें नए सीएम की घोषणा की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि अभी नए सीएम का नाम तय नहीं हो सका है. पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस कर रही है. इसमें सामाजिक, क्षेत्रीय, संगठन, सरकार के कामकाज और प्रभाव को भी ध्यान में रखा जा रहा है.
'राजस्थान में होती रही रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की चर्चा'
वहीं, राजस्थान में गुरुवार को पूरे दिन रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की चर्चा होती रही. किशनगंज से बीजेपी विधायक ललित मीना के पिता हेमराज ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी विधायक कंवर लाल मीणा ने उनके बेटे को रिजॉर्ट में रोककर रखा. यह भी आरोप लगाया कि कंवरलाल ने झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह के इशारे पर बाड़ाबंदी की. बता दें कि दुष्यंत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे हैं. इस समय वसुंधरा को सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा है.
'कंवर लाल ने बेबुनियाद बताए आरोप'
बाद में कंवर लाल मीणा ने एक बयान जारी किया और आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा, उन पर और दुष्यन्त सिंह पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं. हालांकि, स्पष्ट नहीं हुआ कि विधायक सीकर रोड पर रिसॉर्ट में रुके थे या नहीं. हालांकि, ललित मीना ने इस घटना के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया.
'विधायक हेमंत को लेकर आए पिता'
पिता हेमराज ने दावा किया कि उनके बेटे को एक अन्य विधायक कंवर लाल मीना ने बैठक के लिए रिसॉर्ट में बुलाया था. उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई. उसके बाद ललित मीना ने अपने पिता को स्थिति की जानकारी दी. हेमराज ने कहा, जब मुझे फोन आया तो मैंने तुरंत पार्टी नेताओं को सूचित किया. हम रिसॉर्ट गए, वहां कंवर लाल मीना के साथ बहस हुई. हालांकि, हम ललित को पार्टी कार्यालय ले आए.
'विधायक बोले- हम सभी अपनी मर्जी से गए थे'
यह पूछे जाने पर कि विधायक किसके निर्देश पर वहां रखे गए थे, इस पर हेमराज ने कहा, कंवर लाल मीना ने मेरे बेटे को वहां रहने के लिए कहा. दुष्यंत सिंह का निर्देश बताकर लाया गया था. देर शाम कंवर लाल मीना ने बयान जारी कर कहा कि आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा, विधायक ललित मीना के पिता हेमराज मीना द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह से गलत है. हम सभी झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से विधायक हैं. हम जीतने के बाद विधायक ललित मीना के साथ बारां में आरएसएस और बीजेपी कार्यालय गए थे.
उन्होंने कहा, सुबह 6 बजे हम सभी अपने-अपने घरों से अपनी-अपनी गाड़ियों में जयपुर आए और आपसी सहमति से एक होटल में साथ रुके. यह कहना शरारतपूर्ण है कि यह 'बाड़ाबंदी' थी. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी विधायक को उसकी सहमति के बिना जबरन ले जाया जा सकता है? असंभव. वहीं, दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां से सांसद हैं. कौन अपने ही लोकसभा क्षेत्र के विधायकों को ठिकाने लगाएगा?
'जबरदस्ती ले जाने से रोका था'
घटना के बारे में कंवर लाल मीना ने विस्तार से बताया और कहा, 30-35 लोग रिसॉर्ट में आए और ललित मीना को जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश की. परिचित ना होने के कारण हमने ललित मीना को उनके साथ नहीं भेजा. बाद में जब उनके पिता आए तो हमने खुशी-खुशी ललित को उनके साथ भेज दिया.
'दुष्यंत दिल्ली में, चल रहा है शीतकालीन सत्र'
उन्होंने कहा, सांसद दुष्यन्त सिंह उस दिन लोकसभा में थे. उनकी उपस्थिति लोकसभा में देखी जा सकती है, तब से वो दिल्ली में ही हैं. इस दौरान मेरी सांसद से कोई बात नहीं हुई. कोटा संभाग के पांच विधायकों ने मंगलवार रात को रिसॉर्ट में चेक इन किया था.
संपर्क करने पर ललित मीना ने जानकारी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, उस रात जो कुछ भी हुआ, मैंने पार्टी नेताओं को सूचित कर दिया. पार्टी मेरा परिवार है और यह हमारा पारिवारिक मामला है. इस बीच, राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, कोई 'बाड़ाबंदी' नहीं है. विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर कोई भी फैसला विधायक दल की बैठक के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद बैठक बुलाई जाएगी.
'वसुंधरा के आवास के बाहर लगाए गए पोस्टर'
इस बीच, गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री के आवास के बाहर दो बड़े पोस्टर लगाए गए, जिनमें वसुंधरा राजे को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए दिखाया गया है. कोटा संभाग के अंतर्गत झालावाड़ जिले की झालरापाटन सीट से विधायक राजे बुधवार रात दिल्ली पहुंचीं. राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर सस्पेंस बना हुआ है. पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 115 सीटें जीती हैं.