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महंगी बिजली खरीदने में खर्च किया पैसा, सैलरी के लिए तरस रहे इस राज्य के कर्मचारी

पैसों की कमी की वजह से बिजली विभाग के 17 हजार कर्मचारियों का वेतन अटक गया है. विभाग का कहना है कि महंगी बिजली खरीदने की वजह से पैसा खर्च हो गया है. अब सरकार से पैसा मांगा गया है, आते ही वेतन बांट दिया जाएगा.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

राजस्थान में गंभीर बिजली संकट का खामियाजा अब जनता के साथ साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी उठाना पड़ रहा है. राजस्थान में बिजली संकट के बाद बिजली विभाग ने कर्मचारियों के तनख्वाह के पैसे से दूसरे राज्यों से महंगी बिजली खरीद ली. अब 4 दिनों से कर्मचारी तनख़्वाह के लिए इंतज़ार कर रहे हैं. विभाग की तरफ से कहा जा रहा है कि सरकार से पैसा मांगा गया है, आते ही वेतन बांट दिया जाएगा.

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पैसों की कमी की वजह से जयपुर डिस्कॉम के 17 हजार कर्मचारियों का वेतन अटक गया है. दिसंबर महीने की तनख्वाह के लिए चार दिनों से कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं और अब भी कहा जा रहा है कि दो तीन दिनों में सरकार से सब्सिडी की राशि मांगी गई है. आते ही कर्मचारियों के खाते में तनख़्वाह भेज दी जाएगी.

जयपुर डिस्कॉम ने सरकार से कहा है कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि विभाग को जल्दी भेजी जाए ताकि वेतन दिया जा सके. हर माह करीब 67 करोड़ रुपये वेतन में दिए जाते हैं. 

बता दें कि राजस्थान में लगातार बिजली संकट बना हुआ है. पिछले साल अप्रैल से लेकर दिसंबर तक करीब 800 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ी है, जबकि जयपुर डिस्कॉम के तरफ से यह आकलन किया गया था कि 250-300 करोड़ तक की बिजली खरीदनी पड़ेगी. 

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जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक अजय सक्सेना का कहना है कि राजस्थान सरकार जल्द ही राशि जारी कर रही है और एक-दो दिनों में वेतन दे दिया जाएगा. एक्सचेंज से महंगी बिजली ख़रीदने की वजह से पैसे की कमी हो गई है.

राजस्थान में फिलहाल संभाग को छोड़कर पूरे राज्य में बिजली कटौती हो रही है. किसानों का भी आरोप है कि दिन में बिजली नहीं दी जा रही है. राजस्थान सरकार के पास 7,580 मेगावाट क्षमता के 23 यूनिट हैं. मगर उसके बावजूद बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है.

 

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