राजस्थान के नागौर जिले के पीलवा गांव के सरकारी स्कूल के बाबू ने शुक्रवार की सुबह खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लिया. बताया जा रहा है कि बाबू आग से 80 फीसदी तक झुलस गया था. इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और बाबू को गंभीर हालत में अजमेर के जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया, जहां मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि बाबू रामप्रसाद का ट्रांसफर 17 जनवरी को बस्सी के राजकीय स्कूल से पीलवा के राजकीय स्कूल में किया गया था. इसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल इसके बाद भी बाबू को रिलीव नहीं कर रही थीं. स्टाफ में दो-तीन अन्य लोग भी बाबू को प्रताड़ित करते थे.
बताया जा रहा है कि बाबू ने 5 दिन पहले ऑफिस में पेट्रोल की बोतल लाकर रख दी थी. इसके बाद तंग आकर बाबू ने आत्मदाह कर लिया. इस घटना के बाद स्कूल की छुट्टी कर दी गई. हादसे की सूचना मिली तो सरपंच जगदीश मेघवाल, लक्ष्मणनाथ डूडी स्कूल पहुंच गए.
बाबू ने इलाज के दौरान तोड़ा दम, परिजनों ने किया हंगामा
बाबू रामप्रसाद मेगवाल ने गुरुवार की सुबह 10 बजे पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी. इसके बाद मौके पर पहुंचे स्टाफ और ग्रामीणों ने 80 प्रतिशत तक झुलसे बाबू को अजमेर के राजकीय जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया, जहां आज सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बाबू की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाकर मामला शांत कराया.
विद्यालय के प्रिंसिपल को शिक्षा विभाग ने किया निलंबित
प्रिंसिपल सीमा चंदेल पर गंभीर आरोप लगने के बाद इलाज के दौरान विद्यालय के बाबू रामप्रसाद की मौत हो गई. इसके बाद शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर प्रिंसिपल सीमा चंदेल को निलंबित कर दिया है.
इस मामले में परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि आत्मदाह प्रकरण में परिवार को आर्थिक मदद के लिए उचित मुआवजा, अनुकंपा नियुक्ति के संपूर्ण विभागीय परिलाभ और मामले में शामिल दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.
पीलवा थाने के एएसआई राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि 17 जनवरी को बाबू रामप्रसाद का ट्रांसफर बस्सी से पीलवा हो गया था, लेकिन प्रिंसिपल सीमा चंदेल और 2-3 अन्य स्टाफ के लोग उसे रिलीव नहीं होने दे रहे थे. इसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था. आज सुबह सूचना मिली कि बस्सी स्कूल में आग लग गई. वहां पर पहुंचे, तब तक पीड़ित बाबू रामप्रसाद को लोग अजमेर लेकर पहुंच गए.
17 फरवरी को ग्रामीणों ने स्कूल पर की थी तालाबंदी
17 फरवरी को घटना के बाद स्कूल पर ग्रामीणों ने ताला जड़ दिया और प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए. ग्रामीणों ने कहा कि प्रिंसिपल स्कूल में भय का माहौल बना रही हैं. स्कूल में तालाबंदी की खबर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची तो वे मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर ताला खुलवाया. उन्होंने मामले की जांच की बात कहकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था.
आरोप है कि स्कूल में प्रिंसिपल अमर्यादित भाषा का प्रयोग करती हैं. जब मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी परबतसर से लोगों ने मौखिक शिकायत की, तो उन्होंने कहा कि अब प्रिंसिपल सीमा चंदेल को समझा दिया गया है, आगे से ऐसा नहीं होगा.