गुरुवार को आईपीएल के एक रोमांचक मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स को अपने होमग्राउंड जयपुर में लखनऊ सुपरजायंट्स के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा. इस मैच को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक स्टेडियम में पहुंचे थे, जिनमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी शामिल रहे. गहलोत ने दर्शक दीर्घा में बैठकर मैच का आनंद लिया. गहलोत जब स्टेडियम में पहुंचे तो उनके सामने 'मोदी-मोदी' के नारे लगे.
सोशल मीडिया में इसका वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि अशोक गहलोत मैच देखने के लिए स्टेडियम में पहुंच रहे हैं और जैसे ही वह हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते हैं तो वहां बैठे कुछ दर्शक 'मोदी- मोदी' के नारे लगाना शुरू कर देते हैं. इन सबके बावजूद गहलोत मुस्कराते हुए आगे बढ़ जाते हैं.
वहीं मैच की बात करें तो, एक समय इस मैच राजस्थान रॉयल्स की जीत सुनिश्चित लग रही थी लेकिन कहते हैं ना कि 'क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है', वहीं हुआ और बाजी ऐसी पलटी की लखनऊ सुपरजायंट्स ने मैच 10 रनों से अपने नाम कर लिया.
यह पहली बार नहीं है जब गहलोत के सामने इस तरह से पीएम मोदी के पक्ष में नारेबाजी हुई हो, पहले भी कई मौकों पर ऐसा हो चुका है. पिछले साल सितंबर में जब अशोक गहलोत जैसलमेर के पास रामदेवरा में लोक देवता बाबा रामदेव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे तो तब भी वहां पीएम मोदी के समर्थन में नारेबाजी हुई थी. तब भी सीएम गहलोत ने मंदिर में 'मोदी-मोदी' के नारे लगने के बावजूद कोई नाराजगी नहीं जाहिर की थी बल्कि वो मुस्कराते हुए दिखाई दिए थे. बाद में वह मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकारते हुए रवाना हो गए थे.
आपको बता दें कि अजमेर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने गहलोत की तारीफ करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की थी. पीएम ने कहा था कि राजनीतिक आपाधापी में वो अनेक संकटों से वो गुजर रहे हैं. उसके बावजूद विकास के काम के लिए समय निकालकर आए, रेलवे कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसलिए स्वागत और अभिनंदन भी करता हूं. इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, अबतक नहीं हो पाया,लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है, आपने वो काम भी आपने मेरे सामने रखे हैं. आपका विश्वास मेरी मित्रता की ताकत है.
वहीं इसके कुछ दिनों के बाद अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाषणों में इस्तेमाल की जाने वाली चालबाजी को समझते हैं. गहलोत ने कहा कि मोदी अपने भाषण की शुरुआत "मेरे मित्र अशोक गहलोत" के साथ करेंगे और फिर मेरी सरकार की कड़ी आलोचना करेंगे. उन्होंने इसे उनकी चतुराई बताया.