राजस्थान के कोटा में एक शख्स ने ढाई साल के बच्चे को दीवार पर पटककर मार डाला. इसके बाद परिजनों को यह कहकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई कि मौत दुर्घटना से हुई है. इस पर परिवार ने बच्चे को दफना दिया, लेकिन आरोपी मृतक की मां को बच्चे की पिटाई और हत्या के वीडियो भेजा. फिर महिला ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई और मामले का खुलासा हुआ.
पुलिस ने आरोपी राहुल पारीक के खिलाफ धारा 363, 302, 201, आईपीसी और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. अनुसंधान के दौरान आरोपी राहुल पारीक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया. वहां से उसे 2 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. पूछताछ में पता चला कि आरोपी मृतक बच्चे अंश की मां से एकतरफा प्यार करता था. उस पर दबाव बनाने के लिए बच्चे की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी.
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'दफन शव को निकालकर कराया गया पोस्टमार्टम'
महिला की ओर से दी गई रिपोर्ट पर एएसपी दिलीप सैनी, डीएसपी एसी/एसटी सेल हरिराम सोनी और थाना अधिकारी सतीश चंद्र के नेतृत्व में टीमें गठित की गईं. फिर जिला मजिस्ट्रेट कोटा से 40 दिन बाद दफनाए गए बच्चे के शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराने की अनुमति ली गई. शनिवार को मेडिकल बोर्ड का गठन कर कार्यपालक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में छावनी मुक्तिधाम में दफनाए गए बच्चे के शव को बाहर निकाला गया. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
यह मामला था
पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता धवन ने बताया कि महिला खुशबू मेहरा ने शुक्रवार को विज्ञान नगर थाने में रिपोर्ट दी थी. बताया गया कि वह अपने परिवार के साथ छावनी रामचन्द्रपुरा में रहती है. वह आरोपी राहुल पारीक को चार-पांच माह से जानती थी. इसके बाद से वह राहुल से फोन पर बात करने लगी थी. वह आरोपी राहुल के साथ उसकी मौसी की बेटी की शादी में भी गई थी.
पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि 15 अप्रैल की शाम करीब 7:30 बजे अचानक तबीयत खराब होने पर वह विज्ञान नगर डॉक्टर के पास जा रही थी. इस दौरान उनका ढाई साल का बच्चा भी उनके साथ था. तभी आरोपी राहुल पारीक उसे शीला चौधरी रोड फ्लाईओवर के नीचे मिला. उसने पूछा कि कहां जा रही हो, मैंने कहा कि तबीयत खराब है और डॉक्टर के पास जा रही हूं.
इस पर राहुल ने कहा कि बच्चा मुझे दे दो. इसके बाद वह बच्चे राहुल को देने के बाद डॉक्टर को दिखाने गई. कुछ देर बाद जब वह वापस आई, तो देखा कि राहुल वहां नहीं था. इसके बाद बच्चे की तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला. फिर जब राहुल को बुलाया, तो उसने कहा कि बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है. जेके लोन उसे लेकर आये हैं. इसके बाद जब मैं पैदल निकली, तो कोठारी चौराहे पर राहुल मिल गया. उससे पूछा कि बच्चा कहां है, तो राहुल ने कहा कि वह जेके लोन अस्पताल में है.
इसके बाद जब वह जेके लोन गया, तो बच्चा मृत मिला. डॉक्टर ने बताया कि 40 मिनट पहले ही मौत हुई है. इसके बाद उसने अपने पति और परिजनों को फोन किया. फिर राहुल ने मुझे अस्पताल में धमकाया और अस्पताल से भाग गया. कुछ दिन बाद राहुल ने मैसेज किया कि मैं तुम्हारे बच्चे का गला दबाकर मारना चाहता था, लेकिन फिर भी वह नहीं मरा. फिर उसने मुझे फोटो भी भेजे, जिसमें वह बच्चे का गला दबाते और हाथ में कुर्सी पकड़े नजर आ रहा था.
'बच्चे को दफनाया'
आरोपी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि उनके बच्चे की मौत दुर्घटना के कारण हुई है. इसके बाद महिला ने बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं कराया और उसे हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मुक्तिधाम छावनी में दफना दिया. डिप्टी एसपी हरिराम सोनी ने बताया कि आरोपी बच्चे अंश को अपनी ही दुकान पर ले गया था. वहां बच्चे को पीटा गया और दीवार पर सिर पटक-पटक कर मार डाला गया. खुद को बचाने के लिए आरोपी इसे हादसा बता कर बच्चे को जेके लोन अस्पताल में भर्ती करा दिया. कुछ दिन बाद राहुल पारीक ने पीड़िता को मैसेज किया कि मैंने तुम्हारे बेटे को दीवार पर पटक कर मार डाला है.
'आरोपी पीड़िता को रखना चाहता था अपने पास'
पूछताछ में पता चला कि राहुल पारीक महिला से एकतरफा प्यार करता था और उसे किसी भी कीमत पर अपने साथ रखना चाहता था. उसे महिला का दूसरों के साथ बाहर जाना पसंद नहीं था. इसके चलते आरोपी राहुल पारीक महिला से दुश्मनी रखने लगा. सबक सिखाने और दबाव बनाने के लिए उसने महिला के ढाई साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी.