राजस्थान के जयपुर में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. इससे पहले डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मीटिंग की थी. ज्वाइंट एक्शन कमेटी की सफल समझौता के बावजूद राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी हैं. इसको लेकर प्रदेशभर में रविवार को सभी निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने अपने-अपने हॉस्पिटल बंद करने का निर्णय लिया था.
इसके साथ ही हॉस्पिटलों में शनिवार रात से से ही सरकार की महत्वपूर्ण चिरंजीवी योजना और आरजीएचएस का बायकॉट शुरू हो गया था. वहीं, हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रहीं. इसके चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान रविवार को जयपुर मेडिकल एसोसिएशन भवन में सभी डॉक्टरों ने सद्बुद्धि यज्ञ किया.
आला अधिकारियों ने समझौते का नहीं किया पालन- ज्वाइंट एक्शन कमेटी चेयरमैन
मामले में ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया, "23 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ज्वाइंट एक्शन कमेटी की सफल समझौता वार्ता की गई. इसके बावजूद राज्य के आला अधिकारियों ने उसका पालन नहीं किया. इसके कारण सभी डॉक्टर गुस्से में हैं. इसको लेकर ही राज्य के सभी डॉक्टर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं."
वहीं, जॉइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील चुग ने बताया कि राईट टू हैल्थ बिल के खिलाफ सभी डॉक्टर्स एक मंच पर खड़े हैं. इसको लेकर IMA राजस्थान और जॉइंट एक्शन कमेटी ने ही विरोध का ऐलान किया हैं. आरोप है कि सरकार ने उनके साथ वादा खिलाफी की है. बिल में जो परिवर्तन हम चाहते थे, वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद भी पूरे नहीं किए गए हैं.
सभी सेवाओं को बंद करने का फैसला निजी अस्पतालों ने लिया- मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष
इसके बाद ही राजस्थान में सभी प्राइवेट अस्पताल में सेवा इमरजेंसी सहित पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है. इसमें प्राइवेट हॉस्पिटल में सरकार की आरजीएचएस, चिरंजीवी योजनाओं का भी बहिष्कार होगा. साथ ही इमरजेंसी सेवाओं सहित सभी सेवाओं को अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद करने का फैसला निजी अस्पतालों ने लिया हैं.