राजस्थान के अलवर (Alwar) के मन्नाका क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर (history sheeter) को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर महिलाओं और पुरुषों ने हमला कर दिया. हमलावरों ने पुलिस टीम पर पत्थर बरसाए और बदमाश को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा लिया. इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. घटना के बाद रातभर पुलिस बदमाशों का पीछा करती रही.
जानकारी के अनुसार, एक व्यापारी को हत्या की धमकी देकर रंगदारी मांगने और कई जगह पर लूट की वारदात के मामले में आरोपी फिरोज खान को पकड़ने के लिए एनईबी थाना पुलिस मन्नाका गांव पहुंची थी. पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था. इसके बाद टीम वापस लौट रही थी, तभी अचानक गांव के सैकड़ों महिला व पुरुषों ने पुलिस को चारों तरफ से घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया.
महिला-पुरुषों ने पुलिस के साथ हाथापाई की. लाठी डंडों से हमला किया, जिसमें करीब तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस की गाड़ियों के कांच टूट गए. हमलावरों ने आरोपी फिरोज खान को पुलिस के चंगुल से छुड़वा लिया. इस दौरान मौका पाकर आरोपी फिरोज खान एक डंपर में बैठकर फरार हो गया. वहीं आगे जाकर दूसरी बाइक पर बैठकर भाग गया. पुलिस रातभर बदमाश का पीछा करती रही.
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पुलिस कर्मियों ने मामले की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दी. इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची. पुलिस फोर्स के पहुंचने के बाद हमलावर फरार हो गए. घायल पुलिस कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना में कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र कुमार, युवराज व साहिल घायल हो गए.
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने बताया कि किसी तरह से इधर-उधर साइड में बचकर उन्होंने अपनी जान बचाई. पुलिस फोर्स ने घटनास्थल से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. वहीं फरार आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस टीम रात भर दबिश देती रही, लेकिन सफलता नहीं मिली.
फरार आरोपी पर 12 केस दर्ज हैं
पुलिस ने बताया कि फरार आरोपी फिरोज खान के खिलाफ लूट, हत्या, मारपीट, रंगदारी जैसे 12 मामले दर्ज हैं. फिरोज के खिलाफ राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी केस दर्ज हैं. उसने अन्य बदमाशों के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में एक साथ 6 पेट्रोल पंप लूटे थे. एक महीने पहले ही वह जमानत पर छूटकर आया था.
कारोबारी से मांगी थी रंगदारी
पुलिस ने बताया कि 22 मई को फिरोज खान ने एक प्रॉपर्टी कारोबारी से रंगदारी मांगी थी. व्यापारी ने इस मामले की रिपोर्ट एनईबी थाने में दर्ज करवाई थी. उसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की. फिरोज खान ईद मिलन में शामिल हुआ था, इसको लेकर उसने पंपलेट भी छपवाए थे. खुद को मुस्लिम महासभा का प्रदेश मंत्री बताया था.