अलवर और उसके आसपास के क्षेत्र लगातार बढ़ते प्रदूषण की चपेट में हैं. भिवाड़ी में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 448 दर्ज किया गया, जबकि बीती रात यह 500 तक पहुंच गया था. अलवर में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में है, जहां एक्यूआई 300 के करीब है.
प्रदूषण का बढ़ता स्तर लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप जैन के अनुसार, आंखों में जलन, लालपन, पानी आना और दाने जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. त्वचा रोग विशेषज्ञों ने भी बताया कि खुजली और दाने जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं प्रदूषण के कारण हो रही हैं.
राजस्थान के कई जिलों में प्रदूषण का कहर
अस्थमा रोगियों को सांस लेने में गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. भिवाड़ी और अलवर क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों से निकलता धुआं और बड़े निर्माण कार्य प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं. स्कूल अब भी खुले हैं और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना और आंखों को चश्मे से ढकना जरूरी बताया गया है. अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने और स्वास्थ्य का ध्यान रखने की चेतावनी दी गई है.
डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी
बता दें, सीकर और नीमकाथाना जिले के कई इलाकों में लगातार दूसरे दिन भी सुबह-सुबह कोहरा छाया हुआ है. श्रीमाधोपुर सहित आसपास के अंचल में घना कोहरा दिखाई दिया. जिसके चलते वाहन चालकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा और सुबह के समय ही हेडलाइट ऑन कर सफर करते नजर आए. कई जिलों में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है.