राजस्थान से राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के जाते ही भारी बिजली कटौती शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले कहा था कि किसानों के रबी की फ़सल का समय है लिहाज़ा दिन में बिजली नहीं काटी जाए. मगर राज्य में बिजली संकट ऐसा गहराया है कि राजस्थान सरकार ने गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक में एक से लेकर तीन घंटे तक बिजली कटौती की घोषणा कर दी है. यहां तक कि उद्योगों के लिए भी अब शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक बिजली कटौती रहेगी. राजस्थान में पावर मैनेजमेंट फ़ेल होने के बाद राजस्थान सरकार के विद्युत विभाग ने बिजली कटौती का शेड्यूल जारी किया है.
5 हज़ार से अधिक आबादी वाले शहर और गांवों में सुबह 6:30 बजे से लेकर साढ़े 7 बजे तक बिजली की कटौती होगी. सभी जिला मुख्यालयों शहरों में भी 7:30 से लेकर 8:30 बजे तक बिजली की कटौती होगी. औद्योगिक इकाइयों में शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक बिजली कटौती होगी. बिजली कटौती से राजस्थान के साथ संभागीय मुख्यालयों को छोड़ दिया गया है.
सरकार का कहना है कि पहले विद्युत लोड 11500 मेगावाट था जो इस बार बढ़कर 12500 मेगावाट हो गया है. इस दौरान न तो एक्सचेंज से सस्ते बिजली मिल रही है और न ही सोलर एनर्जी से बिजली मिल पा रही है.
चार यूनिट बंद
इस बीच, राजस्थान सरकार के बिजली उत्पादन के चार यूनिट बंद हो गए हैं. राज्य विधिक उत्पादन निगम की 780 मेगावाट की 23 यूनिट हैं. राजस्थान ऊर्जा विकास निगम की सबसे बड़ी समस्या है कि ठंड बढ़ने के साथ ही 17000 मेगावाट तक बिजली की डिमांड बढ़ने की आशंका है. अगर बिजली डिमांड बढ़ती है तो कटौती का समय और बढ़ा दिया जाएगा.
उद्योगों को भारी नुकसान होगा: BJP
इसे लेकर BJP के उप नेताप्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा है कि महंगी दर पर बिजली ख़रीदने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों और सरकार में बैठे लोगों ने साज़िश कर बिजली संकट को गहरा किया है. किसानों ने दिन में बिजली काटने को लेकर विरोध जताया है, तो उद्योग जगत के लोगों ने भी कहा है कि इससे उद्योगों को भारी नुकसान होगा.