राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच सोमवार को प्री मॉनसून ने दस्तक दे दिया है. राजस्थान के बाड़मेर में करीब छह घंटे तक मॉनसून की पहली बारिश होती रही. पानी इतना गिरा कि हालात बिगड़ गए. सड़कों पर जलभराव हो गया, कई घरों-दुकानों में पानी घुस गया, कई गाड़ियां बह गईं, कई गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है.
बारिश शाम करीब 5 बजे से बारिश शुरू हुई जो रात 11 बजे तक जारी रही. बारिश के कारण 5 घंटे तक पूरे शहर की बिजली गुल हो गई है. जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान बाड़मेर जिले के बॉर्डर से लगे चौहटन कस्बे और उसके आसपास के इलाकों में हुआ है.
कई सड़कें पानी में बह गईं
बस्ती इलाकों में भर गया पानी मूसलाधार बारिश के चलते पहाड़ों से आने वाला पानी निचले बस्ती के इलाकों में घुस गया. वहीं, डिप्टी ऑफिस में भी 4 फुट पानी घुस गया. कई इलाकों में वाहन पानी में डूब गए.
चौहटन रोड पर पानी का नाला ओवरफ्लो हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने जेसीबी लगाकर पानी को निकालने का काम शुरू किया है. बाड़मेर मुनाबाव सड़क मार्ग के साथ हाथमा और रामसर गडरा रोड सड़क पानी में बह गई, जिसके बाद में इन इलाकों के गांवों का आपस में संपर्क पूरी तरीके से टूट गया है.
येलो अलर्ट जारी किया गया
जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए कहा कि नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सिरोही, जालौर, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सीकर, पाली, बूंदी, कोटा, बारां, झुंझुनू, चूरू, बीकानेर, झालावाड़, अजमेर में हल्की से मध्यम वर्षा, आकाशीय बिजली और तेज हवा चलने की आशंका जताई है.
आम तौर पर रेगिस्तान के इलाकों में ऐसी बारिश कम ही देखने को मिलती है. लेकिन इस बार जिस तरीके से कई घंटों तक मूसलाधार बारिश हुई. बारिश के बाद रेगिस्तान के किसानों के चेहरे खिल गए हैं. फिलहाल जहां भी भारी बारिश हुई है, वहां के प्रशासन को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.