राजस्थान के जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां एक पोस्टर को लेकर बवाल मच गया. शहीद स्मारक पर हुए कार्यक्रम में विवादित पोस्टर को देख पुरुष भड़क गए. पोस्टर में लिखा था "महिलावाद हो आबाद, पुरुषवाद हो बर्बाद" इस स्टेटमेंट को देखकर वहां पर मौजूद कई पुरुषों ने इसका विरोध किया. हंगामा होते देख इस पोस्टर को छिपा लिया गया.
मामले को लेकर कार्यक्रम की संचालिका और महिला एक्टिविस्ट कविता श्रीवास्तव ने सफाई देते हुए कहां कि महिलाओं ने अपनी भावनाएं व्यक्त की है. रंग-रंगीले हाथों से अपनी दबी जुबान से आवाज उठाई है. रही बात पोस्टर में लिखें पुरुषवाद के बर्बाद की, तो इसका मतलब पुरुष से नहीं है. बेवजह इसे तूल दिया जा रहा है. जबकि यहां महिलाओं के शोषण और उनके अधिकारों की बात की बात हो रही है.
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पुरुषों को बर्बाद करने वाले स्लोगन गलत
वहीं, इस विवादित बैनर को देख वहां पहुंचे लोगों ने इसकी निंदा की और कहा कि जब पुरुष महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात करता है, तो ऐसे पुरुषों को बर्बाद करने वाले स्लोगन गलत हैं. बता दे कि जयपुर के शहीद स्मारक पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेशभर से पहुंची महिलाओं ने अनुठे तरिके से सफेद कपड़े पर रंग-रंगीले हाथों से अपना थप्पा लगाकर अपने नाम के साथ विचार साझा किए.
महिलाओं ने नारी उत्थान की बात कही
इस दौरान कई महिलाओं ने नारी उत्थान की बात कहीं, तो कईयों ने बेरोजगार महिलाओं के लिए बोर्ड बनाने की भी मांग उठाई. इसी दौरान किसी महिला ने पुरुषो को लेकर ऐसा विवादित कथन लिख दिया, जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था.