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वसुंधरा के गढ़ में भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री... पायलट-गहलोत का हाथ पकड़कर राहुल ने दिया बड़ा संदेश

कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब राजस्थान में प्रवेश कर गई है. राहुल ने राजस्थान में अपनी यात्रा का आगाज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ से किया है. इसके अलावा राहुल ने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एक साथ लाकर सियासी संदेश देने की कवायद की है.

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राहुल गांधी और सचिन पायलट
राहुल गांधी और सचिन पायलट

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश कर गई है. राहुल गांधी ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ झालरापाटन से अपनी पदयात्रा शुरू की है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एकजुट कर भी सियासी संदेश दिया है. राहुल की भारत जोड़ो यात्रा पहली बार किसी कांग्रेस शासित राज्य में पहुंची है, जहां बीजेपी विपक्ष में है और अगले साल विधानसभा चुनाव है. ऐसे में प्रदेश में राहुल की पदयात्रा के ऐतिहासिक होने का दावा किया जा रहा है. 

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कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए शुरू हुई राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में एंट्री की है. ऐसे सबसे ज्यादा यात्रा को यहीं से सफलता मिलने की उम्मीद राजस्थान से ही है. भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में 18 दिनों तक रहेगी और 520 किलोमीटर का सफर तय करेगी. हालांकि, 18 दिन में राहुल गांधी 15 दिन ही चलेंगे और दो दिन यात्रा को विराम दिया गया है. 

राहुल गांधी ने सोमवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' का आगाज बीजेपी की दिग्गज नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र झालरापाटन से किया. इस तरह से कांग्रेस ने वसुंधरा के गढ़ से पदयात्रा कर साफ सियासी संदेश देने की कोशिश की है. झालावाड़ इलाका पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है. पिछले नौ लोकसभा चुनावों में कांग्रेस हार चुकी है. पांच बार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और चार बार से उनके पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद हैं. वसुंधरा राजे अभी झालरापाटन (झालावाड़) से विधायक भी हैं. 

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पिछले चार दशकों में 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस राजस्थान में 25 में से 21 सीटें जीतने का शानदार प्रदर्शन किया था. बीजेपी तब केवल चार सीटें जीत पाई थी, उनमें से एक सीट झालावाड़-बारां थी. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस राजे के गढ़ में सेधमारी करने की कोशिश करेगी. माना जा रहा है कि यात्रा के दौरान होने वाली सभाओं में राहुल, मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी वसुंधरा राजे और बीजेपी को घेरते नजर आएंगे ताकि 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को क्षेत्र में मजबूती मिल सके.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान की सात जिलों की 18 विधानसभा सीटों को कवर करेगी, लेकिन कांग्रेस उसके जरिए पूरे प्रदेश के सियासी समीकरण को साधना चाहती है. भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के जिस रास्ते से गुजर रही है वहां की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर गुर्जर और मीणा समाज की आबादी काफी है. ऐसे में दोनों ही यह समाज इन सभी सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं.  

भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में एंट्री से पहले ही सचिन पायलट को मनाया गया और साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संग उनके सारे गिले-शिकवे दूर कराए गए हैं. सीएम गहलोत और सचिन पायलट ने एक साथ राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई की. राहुल गांधी का सहरिया नृत्य के साथ स्वागत किया गया. राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत का हाथ पकड़कर डांस किया. सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए नजर आए.  

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गहलोत-पायलट का यह एकता शो कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि दोनों ही नेताओं के बीच पिछले ढाई साल से सियासी अदावत चल रही है. कुछ दिन पहले गहलोत के सचिन पायलट के द्वारा साल 2020 में की गई बगावत को गद्दारी का नाम दिए जाने के बाद यह अदावत फिर तेज हो गई थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही कांग्रेस के लिए एसेट हैं. 

राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट का हाथ पकड़ाकर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि राजस्थान कांग्रेस में अब पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल कर लिया गया है. राजस्थान की सीमा के प्रवेश करने तक राहुल गांधी 2200 किलोमीटर से ज्यादा पैदल चल चुके हैं. यात्रा अब तक मध्य प्रदेश सहित सात राज्यों से होकर राजस्थान पहुंची है. भारत जोड़ो यात्रा की कांग्रेस शासित प्रदेश में यह पहली एंट्री है और 18 दिनों तक राजस्थान में रहेगी. 

देशभर में अब तक हुई भारत जोड़ो यात्रा के मुकाबले राहुल गांधी राजस्थान में ज्यादा चलेंगे. यह बात इसलिए कही जा रही, क्योंकि राहुल गांधी अब तक जहां औसतन रोजाना 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर रहे थे. वहीं, अब राजस्थान में औसतन 35 किलोमीटर चलेंगे. राजस्थान में यात्रा के दौरान कुछ दिन तो ऐसे भी हैं, जहां एक दिन में 35 से 40 किलोमीटर भी यात्रा कर सकते हैं. 

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राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़ की झालरापाटन, कोटा की रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा उत्तर और दक्षिण कोटा सीट से गुजरेगी. इसके बाद यह यात्रा बूंदी जिले की केशवरायपाटन से होते हुए टोंक जिले में प्रवेश करेगी. इस दौरान यात्रा देवली और उनियारा विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी. सवाई माधोपुर विधानसभा इलाके से बामनवास और लालसोट और दौसा में प्रवेश करेगी. दौसा, लालसोट, सिकराय और बांदीकूई विधानसभा क्षेत्र से होते हुए अलवर पहुंचेगी. 

अलवर जिले की अलवर ग्रामीण, अलवर रामगढ़, राजगढ़ और लक्ष्मणगढ़ विधानसभा होते हुए राहुल की पदयात्रा हरियाणा राज्य में प्रवेश करेगी. ऐसे में देखना है कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को जिस तरह से साउथ के राज्यों और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में देखने को मिला था, क्या वैसा ही उत्साह रहता है या फिर उससे ज्यादा.

राहुल गांधी ने राजस्थान में रविवार शाम को एंट्री करते हुए कहा कि हमने यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू की, 2300 किमी से ज्यादा हम और हमारे यात्री चल चुके हैं. लोग हमें कहते थे कि हिंदी बेल्ट में यात्रा फेल होगी. मध्य प्रदेश में अब तक की सबसे भव्य यात्रा निकली है. मैंने कमल नाथजी को चैलेंज दिया था कि आप महाराष्ट्र को नहीं हरा सकते. कमलनाथजी ने कहा कि मेरे पास स्पेशल टेक्नोलॉजी है, उन्होंने महाराष्ट्र को हरा दिया. अब उन्होंने राजस्थान को चैलेंज दिया है. उम्मीद है कि राजस्थान एमपी को हरा देगा. 

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में पनप रहे डर को खत्म करने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है. इस बीच एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने गहलोत को चैलेंज देते हुए कहा कि राजस्थान में गहलोतजी आपकी सरकार है, लेकिन मध्यप्रदेश जितना प्यार यात्रा को नहीं दे पाएंगे. कमलनाथ ने यात्रा को एमपी से भव्य बनाने का चैलेंज दिया तो अशोक गहलोत ने भी कहा कि इसे सबसे भव्य रूप राजस्थान में मिलेगा. सीएम गहलोत ने राहुल गांधी को विश्वास दिलाते हुए कहा कि यात्रा एमपी से भी भव्य निकलेगी.

 

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