सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का उर्स शुरू होने में अब 10 दिन से कम समय बचा है. इससे पहले मंगलवार को दरगाह के पाच नंबर गेट के बाहर एक तीन मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई. गनीमत रही कि हादसे के वक्त बिल्डिंग में कोई मौजूद नहीं था. घटना की सूचना मिलते ही अजमेर रेंज आईजी लता मनोज शर्मा, जिला कलेक्टर भारती श्रीवास्तव, एसपी चुनाराम जाट सहित प्रशासन के वरिष्ट अधिकारी मोके पर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया. दरगाह की तंग गलिया होने के चलते प्रशासन को रेस्क्यू में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
बिल्डिंग के पास में पान की दुकान संचालित करने वाले मोहम्मद शफीक ने बताया कि इस बिल्डिंग पर दो लोगों ने दावा किया हुआ है, जिनका कोर्ट केस चल रहा है. पूर्व में इस बिल्डिंग में आग भी लगी थी, जिसके कारण इसकी नीव कमजोर हो गई और अब यह हादसा हो गया. बिल्डिंग में लोग रहते हैं लेकिन जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय बिल्डिंग के इस हिस्से में कोई नहीं रह रहा था. यह बिल्डिंग अकबर काल की बनी हुई बताई जा रही है.
मौके पर पहुंचीं अजमेर रेंज आईजी लता मनोज शर्मा ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और सिविल डिफेन्स की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. मलबे के नीचे किसी के दबे होने की सूचना नहीं है. एहतियात के तौर पर आसपास की बिल्डिंग को भी खाली करवाया गया है. आसपास की बिल्डिंग भी जर्जर है. इसलिए रेस्क्यू में भी एहतियात बरता गया.