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'कोटा में रहना है या...', राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने सभापति को धमकाया, सरकारी कर्मचारियों को भी दी गाली

शांति धारीवाल जब बोल रहे थे, तब आसन पर सभापति कोटा दक्षिण से विधायक संदीप शर्मा थे. उन्होंने समय की दुहाई देकर शांति धारीवाल को अपना वक्तव्य खत्म करने के लिए कहा. इस पर धारीवाल ने उनसे 5 मिनट और मांगे. लेकिन सभापति ने यह कहते हुए असमर्थता जताई कि आज बोलने वाले सदस्यों की लिस्ट लंबी है. इस पर शांति धारीवाल ने अपशब्द का इस्तेमाल किया.

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कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के बिगड़े बोल
कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के बिगड़े बोल

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई. यहां बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोटा उत्तर से विधायक शांति कुमार धारीवाल ने स्पीकर से बात करते हुए कथित तौर पर असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, आरोप है कि उन्होंने बोलते हुए बार-बार गालियों का इस्तेमाल किया. साथ ही सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के लिए भी उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया.

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दरअसल, शांति धारीवाल जब बोल रहे थे, तब आसन पर सभापति कोटा दक्षिण से विधायक संदीप शर्मा थे. उन्होंने समय की दुहाई देकर शांति धारीवाल को अपना वक्तव्य खत्म करने के लिए कहा. इस पर धारीवाल ने उनसे 5 मिनट और मांगे. लेकिन सभापति ने यह कहते हुए असमर्थता जताई कि आज बोलने वाले सदस्यों की लिस्ट लंबी है. इस पर शांति धारीवाल ने अपशब्द का इस्तेमाल किया. 

विधानसभा में अपशब्दों का इस्तेमाल करते कांग्रेस विधायक का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. उनके इस रवैये को लेकर उनकी खूब आलोचना भी हो रही है. 

धारीवाल ने सभापति संदीप शर्मा से कहा, "कोटा से हो. कोटा में रहना है कि नहीं." इस दौरान उन्होंने गाली का इस्तेमाल भी किया. हालांकि, शांति धारीवाल और सभापति संदीप शर्मा आपस में मुस्कुराते हुए बात करते नजर आए. लेकिन इसके अलावा सदन में जब शांति धारीवाल अपना वक्तव्य दे रहे थे, तब भी उनके मुंह से अपशब्द निकले. बीजेपी विधायक ने कांग्रेस राज में फर्जी पट्टे जारी करने का आरोप लगाया. इस पर पलटवार करते हुए धारीवाल ने अपशब्द कहे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने गड़बड़ी की है, उन्हें पकड़ो और सस्पेंड करो.

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झाबर सिंह और धारीवाल में हुई तीखी बहस

इससे पहले बहस के दौरान यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा और धारीवाल के बीच तीखी बहस हुई. दोनों विधायक लैंड फॉर लैंड की फाइल गायब होने के मामले पर आमने सामने थे. धारीवाल के शब्द बाणों पर पलटवार करते हुए झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि आपके कार्यकाल की लैंड फॉर लैंड की फाइलें गायब हो गईं. इस पर कांग्रेस विधायक ने कहा कि पकड़ो किसने मना किया है. आपके पास एसओजी और एसीबी है. कोई फाइल गुम हुई है या नहीं. कार्रवाई करोगे तो सच सामने आ जाएगा. धारीवाल यहीं नहीं रुक. उन्होंने आगे कहा किआप कई महीनों से कह रहे हैं कि फाइल गुम गई है तो सरकार क्या कर रही है.

'आप अपना ज्ञान बढ़ा लो'

वहीं पूर्व की कांग्रेस सरकार में फर्जी पट्टे बनने के आरोप पर शांति धारीवाल ने कहा कि अगर कोई गलत तथ्य बताकर पट्टा ले लेता है तो उसका पट्टा खारिज करने का अधिकार है. हमने एक्ट बनाकर आपको अधिकार दिया है. सरकार को पट्टा खारिज करने का अधिकार है. जो भी अधिकारी गलती करते हैं उन्हें बर्खास्त कीजिए. एक्शन लीजिए. पट्टों में गड़बड़ी की आशंका रहती है. उन्होंने बीजेपी विधायक श्रीचंद कृपलानी से मुखातिब होते हुए कहा कि आप एक बार गलती से यूडीएच मंत्री बन गए थे. मेरी जानकारी से आप अपना ज्ञान बढ़ा लो.

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