राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की रोकथाम एवं त्वरित जांच के लिए एसआईटी एवं संगठित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. राज्य के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा शनिवार को एसआईटी और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के गठन को लेकर दो अलग-अलग आदेश जारी किए.
पेपर लीक की रोकथाम एवं इसके संबंध में दर्ज मामलों में त्वरित जांच एवं दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एडिशनल डीजीपी वीके सिंह के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. इस इन्वेस्टिगेशन टीम में एक एडीजी, एक-एक आईजी/डीआईजी/एसपी, चार एडिशनल एसपी, आठ डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर/एसआई, 10 एएसआई/हेड कांस्टेबल एवं 15 कांस्टेबल तथा कांस्टेबल कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित कुल 50 सदस्य होंगे.
दिनेश एमएन को मिला राज्य में संगठित अपराध रोकने का जिम्मा
डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि राज्य में संगठित अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने के लिए एडिशनल डीजीपी (क्राइम) दिनेश एमएन के नेतृत्व में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. यह टीम संगठित अपराध से जुड़ी गैंग्स की पहचान करेगा और उनका डेटाबेस तैयार कर प्रभावी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.
साथ ही विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर दोषियों को सख्त सजा दिलवाने में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. राजस्थान के डीजीपी ने बताया कि एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स में एक एडीजी, एक-एक आईजी/डीआईजी/एसपी, दो एडिशनल एसपी, चार डीएसपी, चार इंस्पेक्टर, 12 एसआई व एएसआई, 40 हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल एवं कांस्टेबल कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित कुल 65 सदस्य होंगे.