देश जल रहा है, तनाव है, गुस्सा है, हिंसा है, मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर अपील है कि वह भाईचारा कायम करने के लिए देशवासियों से अपील करें. ये बातें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कही है. सीएम गहलोत ने कहा है कि जब हैदराबाद में बीजेपी की कार्यकारिणी चल रही थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास एक मौका था, वे देशवासियों से आपसी सौहार्द्र के लिए अपील कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया ये एक रहस्य है.
बता दें कि अशोक गहलोत लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र कायम करने के लिए अपील करें. गहलोत ने कहा कि एक अवसर था हैदराबाद में जब अभी उनकी कार्यकारिणी हुई थी, और सब बातें PM बोले हैं वहां पर, लेकिन अपील क्यों नहीं की उन्होंने? देश जल रहा है, तनाव है,गुस्सा लोगों के अंदर है, हिंसा है, ऐसे वक्त में प्रधानमंत्रीजी को आकर अपील करनी चाहिए, ये मैं हाथ जोड़कर उनसे रिक्वेस्ट करना चाहूंगा.
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से मैं फिर रिक्वेस्ट करूंगा कि आपको बार-बार हम लोग अपील ही तो कर रहे हैं, अपील क्या कर रहे हैं कि आप देश को मैसेज दें, आपके मैसेज का इम्पैक्ट पड़ेगा देश में-प्रदेशों में. प्रधानमंत्री मोदी को कहना है कि देश में शांति-सद्भाव-प्यार-भाईचारा रहे और हिंसा को मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा.
एक अवसर था हैदराबाद में जब अभी उनकी कार्यकारिणी हुई थी, और सब बातें PM बोले हैं वहां पर, लेकिन अपील क्यों नहीं की उन्होंने?
देश जल रहा है, तनाव है,गुस्सा लोगों के अंदर है, हिंसा है, ऐसे वक्त में प्रधानमंत्रीजी को आकर अपील करनी चाहिए, ये मैं हाथ जोड़कर उनसे रिक्वेस्ट करना चाहूंगा। pic.twitter.com/jS1OaBLAV8— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 7, 2022
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के शख्स की नृशंस हत्या के बाद राज्य में माहौल को शांत करने में जुड़े अशोक गहलोत ने कहा कि पीएम के एडवाइजर कौन हैं जो उनको एडवाइज नहीं दे रहे हैं कि आपको समय रहते अपील करनी चाहिए. पीएम ने पहले अपील की थी एक बार जब लिंचिंग हुई थी. तब उसका इम्पैक्ट पड़ा था. तो अब पीएम को क्या तकलीफ हो रही है अपील करने में? अशोक गहलोत ने कहा कि अगर उनकी अपील हुई होती तो ऐसी घटनाएं भी नहीं हुई होतीं. ऐसा उनका मानना है.
राजस्थान के सीएम ने कहा कि उदयपुर में जो घटना गुई वो जघन्य अपराध है. इसके बाद वे तत्काल परिवार से मिले और उनके दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया.