राजस्थान में सियासी माहौल में गरमाहट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. इसके साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर इशारों में नसीहत भी दी. पायलट के बारे में पूछे जाने पर गहलोत का कहना था कि कोई ऐसा काम ना करें, जिससे सरकार को नुकसान हो. पार्टी का नुकसान होता है तो पार्टी इस बारे में सोचेगी. सबको मिलकर काम करना चाहिए.
गहलोत ने आगे कहा- कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अगला चुनाव कैसे जीता जाए और वे इसमें कैसे योगदान दे सकते हैं और ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे पार्टी को नुकसान हो.
'सूडान में फंसे लोगों के लिए MEA के संपर्क में'
सीएम गहलोत ने कहा कि गृह युद्ध से प्रभावित सूडान में फंसे राजस्थान के लोगों को लाने के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) से लगातार संपर्क में हैं. PM नरेंद्र मोदी भी सूडान मामले को लेकर बैठक कर रहे हैं. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने को लेकर कोर्ट के ऑर्डर पर कहा कि ये उनके खिलाफ षड्यंत्र है. राहुल गांधी को कभी घमंड नहीं हुआ, बल्कि ये बीजेपी वालों का घमंड है.
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'फिर से केस खोलना साजिश का संकेत'
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद उन्होंने (बीजेपी) तय किया कि उन्हें आगे क्या करना है और 4 साल बाद मोदी सरनेम मामले को फिर से खोलना एक साजिश का संकेत देता है. गहलोत ने राजस्थान के आगामी चुनाव में कैंडिडेट के चयन और स्वेच्छा से सीट छोड़ने पर भी बयान दिया.
'देश की एजेंसियां दबाव में हैं'
इससे पहले गुरुवार को गहलोत ने जयपुर में कहा था कि आज देश में जो हो रहा है उससे हम चिंतित हैं. एजेंसियां दबाव में हैं. यह एक अच्छा संकेत नहीं है. अगर देश दबाव में चलेगा तो यह देशहित में नहीं है. उन्होंने कहा था कि हम राज्य में फिर से सरकार बनाएंगे. हम जानते हैं कि कर्नाटक चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी की सभी ताकतें राजस्थान आएंगी. सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें (बीजेपी) बंगाल में हराया और अब उन्हें (बीजेपी) यहां बड़ी हार मिलेगी.
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एक दिन के धरने पर बैठे थे पायलट
वहीं, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट 11 अप्रैल को जयपुर में एक दिन के धरने पर बैठे थे. धरना खत्म होने के बाद पायलट ने कहा था कि उनका यह अनशन पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं थी. सचिन पायलट ने आज तक के साथ बातचीत में कहा कि उनका यह अनशन किसी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं थी. मैंने वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर अनशन रखा था. उन्होंने कहा कि हालांकि, मैं एकमात्र ऐसा शख्स नहीं था, जिसने वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान इन मुद्दों को उठाया था. मैंने मांग की थी कि इन मामलों की जांच की जानी चाहिए. अगर बीजेपी सोचती है कि वे झूठे आरोप लगाकर मुझे डरा सकती हैं तो मैं डरने वाला नहीं हूं और ना ही पीछे हटूंगा.