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न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान पर अशोक गहलोत का यू-टर्न, कहा- मेरी निजी राय नहीं

अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर दिए अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है. सीएम ने कहा कि मैंने ज्यूडिशियरी के करप्शन को लेकर जो कहा वह मेरी निजी राय नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा ज्यूडिशियरी का सम्मान किया है.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर दिए गए बयान पर यू-टर्न ले लिया है. सीएम ने कहा कि मैंने ज्यूडिशियरी के करप्शन को लेकर जो कहा वह मेरी निजी राय नहीं है. गहलोत ने कहा था कि मैंने सुना है कि कई वकील जो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं, अदालत से वही फैसला आता है. 

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अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने हमेशा ज्यूडिशियरी का सम्मान और उस पर विश्वास किया है. सुप्रीम कोर्ट के अनेकों रिटायर्ड जजों और रिटायर्ड चीफ जस्टिसों ने समय-समय पर ज्यूडिशियरी में करप्शन पर टिप्पणी की हैं और उस पर चिंता जताई है.  

'वकील जो लिखकर ले जाते हैं, वही फैसला आता है', अशोक गहलोत ने अदालतों पर उठाए सवाल 

सीएम गहलोत ने कहा कि मेरा न्यायपालिका पर इतना विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में जजों की नियुक्ति हेतु हाईकोर्ट कॉलेजियम के जो नाम हमारे पास टिप्पणी के लिए आते हैं, मैंने उन पर भी कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है. मेरा स्पष्ट मानना है कि हर नागरिक को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और ज्यूडिशियरी पर विश्वास करना चाहिए. इससे लोकतंत्र मजबूत होगा.  

सीएम गहलोत ने क्या कहा था?   

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इससे पहले गहलोत ने कहा था कि न्यायपालिका भयंकर भ्रष्टाचार से जूझ रही है. मैंने सुना है कि कई वकील जो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं, अदालत से वही फैसला आता है. निचली या ऊपरी सभी अदालतों में हालात बहुत गंभीर है.  

मेरी सिफारिश पर बने हैं जज: गहलोत 

उन्होंने कहा कि आज से 25 साल पहले मुख्यमंत्री की सिफारिश पर हाईकोर्ट के जज बनते थे. मैं भी केंद्रीय मंत्री रहा हूं. मैंने भी उस समय किसी की सिफारिश की होगी और उन सिफारिशों को माना गया होगा. लेकिन मैंने कभी जज बनने के बाद उनसे बात नहीं की. लेकिन आज न्यायपालिका में भारी भ्रष्टाचार की बात सुनने को मिलती है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों से तालमेल बैठाकर काम करवाए जाते हैं. 

 

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