राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच फिर से सियासी दंगल शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वसुंधरा राजे की पिछली सरकार के समय हुए कथित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई ना करने का आरोप लगाते हुए सचिन पायलट खुलकर विरोध में उतर आए हैं. पायलट के मुताबिक अशोक गहलोत को वो दो चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन गहलोत ने कोई एक्शन नहीं लिया. इस सबके बीच मुख्यमंत्री गहलोत का बयान भी सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो ने कई भ्रष्ट अधिकारियों पर छापे मारे हैं.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में सीएम गहलोत ने पायलट के विरोध पर पूछे गए सवालों को यह कहते हुए टाल दिया कि उनकी सरकार का ध्यान महंगाई कम करने पर है और इससे उनका ध्यान नहीं भटकेगा. उन्होंने पिछली बीजेपी सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की निष्क्रियता के पायलट के आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने कई भ्रष्ट अधिकारियों के यहां छापे मारे हैं, ऐसा देश में किसी दूसरी जगह पर नहीं हुआ है.
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बता दें कि सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर कई आरोप लगाते हुए मंगलवार को 6 घंटे का अनशन किया था. इस दौरान उन्होंने जयपुर के शहीद स्मारक पर बैठकर धरना भी दिया. इससे पहले उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस कर गहलोत पर BJP के नेताओं को बचाने का आरोप लगाया था. पायलट ने अशोक गहलोत पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ साठगांठ का आरोप लगााया और कहा था कि विपक्ष में रहने के दौरान जितने भी घोटाले हुए, अशोक गहलोत ने सब दबा दिए. कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आएगी तो भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेंगे, मगर मिलेजुले खेल में सारे मामले दबा दिए गए. जब हमारी सरकार बनी थी, तब भ्रष्टाचार को लेकर हमने मिलकर कई बातें कहीं थीं, लेकिन अब तक यह काम नहीं हुए है.
सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो चिट्ठियां लिखी हैं और कहा है कि हमने और आपने जो आरोप लगाए थे, उनकी जांच करवाइए, मगर कुछ नहीं हुआ. हमने विपक्ष में रहते हुए कड़ा संघर्ष किया था, जिसके कारण हम सत्ता में आए. विपक्ष में रहते हुए हमने वसुंधरा राजे सरकार के शासन में भ्रष्टाचार के कई मुद्दे उठाए. हमारी विश्वसनीयता तब होगी, जब विपक्ष में रहकर जो आरोप लगाए जाते हैं, उन पर कार्रवाई की जाए. भ्रष्टाचार के वो मुद्दे अशोक गहलोत ने और मैंने उठाए थे. मैंने 28 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद फिर 2 नवंबर 2022 को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के उन मामलों में कार्रवाई की मांग की, चाहे वह खनन माफिया का मामला हो या कोई और.
अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की मिलीभगत चल रही है?
पायलट ने कहा कि केंद्र में विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन राजस्थान में एजेंसियों का इस्तेमाल अच्छे उद्देश्य के लिए भी नहीं किया जा रहा है. पायलट ने सवाल किया कि क्या अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की मिलीभगत चल रही है?