राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. उससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ा दांव खेला है. राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों के लिए इंदिरा गांधी नौकरी गारंटी योजना की शुरुआत करने की तैयारी कर ली है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री गहलोत इस योजना का शुभारंभ करेंगे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि शहरों में नौकरी की गारंटी योजना शुरू की जा रही है. इस योजना में 18 से 60 आयु वर्ग के लोग पात्र होंगे.
राज्य सरकार ने कहा कि ये शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की देश की सबसे बड़ी रोजगार योजना है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में टनल चौराहा स्थित अंबेडकर भवन में सुबह 11 बजे आयोजित समारोह में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ करेंगे. सीएम इससे पहले सुबह 10.30 बजे योजना के तहत खानिया की बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.
श्रमिकों से संवाद करेंगे मुख्यमंत्री
इस अवसर पर गहलोत श्रमिकों से संवाद करेंगे और उन्हें औजार वितरण भी करेंगे. समारोह की अध्यक्षता नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल करेंगे. कार्यक्रम में जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रफीक खान, स्टेट हज कमेटी के अध्यक्ष अमीन कागजी, विधायक गंगा देवी, कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और महापौर मुनेश गुर्जर भी उपस्थित रहेंगे.
ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा, शहर में रोजगार गारंटी योजना
बता दें कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना (मनरेगा) शुरू की गई थी. इस योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले. कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा तो ये योजना वरदान साबित हुई. मुख्यमंत्री ने इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का निर्णय लिया है और इस वित्तीय वर्ष के बजट में इस योजना की घोषणा की.
800 करोड़ का बजट प्रावधान
योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार को प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा है. राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार छिनने से जो परिवार कमजोर और असहाय हो गए हैं. उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा.
18 से 60 वर्ष की आयु के सदस्य पात्र
- योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग करेगा.
- जॉब कार्डधारक परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य योजना में पात्र होंगे.
- योजना में पंजीयन जन आधार कार्ड के जरिए किया जा रहा है.
- एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की जरूरत नहीं है.
- जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जन आधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे.
- योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है.
- आवेदन करने के बाद 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है.
- पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा.
- योजना के लिए राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल www.irgyurban.rajasthan.gov पद भी शुरू किया है.
- इस पर योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध है. आमजन इस पोर्टल से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2569 विभिन्न पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही सभी निकायों के संबंधित कार्मिकों और ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूर्ण करवाया जा चुका है. राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए राज्य, संभाग, जिला एवं निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है. योजना की सतत मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी.
योजना में हो सकेंगे यह कार्य
योजना में श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75:25 में निर्धारित किया गया है. विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25:75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हेरिटेज संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे.
अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार जॉब कार्ड जारी
योजना में अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. समस्त 213 निकायों में 9 हजार 593 कार्य चिन्हित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है. चिन्हित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रुपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.