राजस्थान में पहली बार ग्रीन इलेक्शन और सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री थीम पर उपचुनाव होंगे. सात विधानसभा सीटों रामगढ़, दौसा, झुंझुनू, सलूंबर, चौरासी, खींवसर और देवली-उनियारा में 13 नवंबर को मतदान होने जा रहा है. चुनाव आयोग ने इन चुनावों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 पोलिंग स्टेशनों को इको-फ्रेंडली रूप में तैयार किया गया है, जहां प्लास्टिक का उपयोग नहीं होगा. यहां पर पेपर और बेम्बो से बने उत्पादों का इस्तेमाल किया जाएगा.
पोलिंग पार्टियों को रवाना कर दिया गया है और सुरक्षा की दृष्टि से 9000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. मतदान प्रक्रिया के दौरान 17 आरएसी कंपनियों, 6275 राजस्थान पुलिस के जवान और 650 होमगार्ड तैनात रहेंगे. संवेदनशील केंद्रों पर कुल 9 केंद्रीय सुरक्षा कंपनियां तैनात की गई हैं, विशेषकर रामगढ़ और दौसा में। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए 53 नाके लगाए गए हैं, जिनमें सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जो सभी वाहनों पर नजर रखेंगे.
सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होंगे चुनाव
इस बार, निर्वाचन विभाग ने पहली बार पोलिंग पार्टियों के वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया है ताकि ईवीएम और पार्टियों की हर पल लोकेशन पर निगरानी रखी जा सके. इसके अलावा 1122 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर लाइव वेब कास्टिंग भी की जाएगी. मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी.
ग्रीन इलेक्शन थीम के तहत डाले जाएंगे वोट
जिला कलेक्टर अर्पित शुक्ला ने बताया कि ग्रीन इलेक्शन थीम के तहत सभी पोलिंग स्टेशनों पर पर्यावरण के अनुकूल व्यवस्था की गई है, जिससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी बल्कि इस अनोखी पहल से मतदान प्रक्रिया भी नई दिशा में जाएगी.