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राजस्थान में कांग्रेस के कई सिटिंग विधायकों के कटेंगे टिकट, नए चेहरों को मिल सकता है मौका

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ कांग्रेस के अंदरूनी सर्वे में कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं मिली है. हालांकि कई विधायकों के खिलाफ नाराजगी जरूर मिली है, जिसको देखते हुए कहा जा रहा है कि ऐसे विधायकों की टिकट कट सकती है.

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

देश के 5 राज्यों में चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जिनमें राजस्थान भी शामिल है. हालांकि इस बार राजस्थान में चुनाव पिछली बार से अलग हैं. दरअसल पिछले चुनाव में एंटी इनकंबेंसी लहर थी. हालांकि इस बार हालात अलग हैं.  

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कांग्रेस पार्टी से जुड़े दो थिंक टैंकों के छह आंतरिक सर्वे से पता चलता है कि पार्टी या मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. हालांकि जनता कई विधायकों के खिलाफ है. यही वजह है कि मिशन रिपीट का टारगेट लेकर चल रही कांग्रेस पार्टी इस बार टिकट बंटवारे में कोई रियायत देने के मूड में नहीं दिख रही है. हालांकि गहलोत सरकार की योजनाओं के आधार पर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस बार कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है. इसलिए इस बार जीत का फॉर्मूला है उम्मीदवार बदलो और चुनाव जीतो.  

पार्टी के शीर्ष नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "विधानसभा सीट के हिसाब से अब तक हुए छह सर्वे में 80 सीटों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. ऐसे में संबंधित मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्रों में पार्टी विरोध कम करने के लिए चेहरे बदलना चाहती है."  

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उन्होंने आगे कहा, "फिलहाल हाईकमान ने उन 33 सीटों पर चेहरे बदलने की मंजूरी दे दी है, जहां सर्वे में पार्टी की सीधी हार का संकेत दिया गया है. इनमें दो कैबिनेट मंत्री, दो राज्य मंत्री, 22 विधायक और 7 पूर्व उम्मीदवार शामिल हैं." 

हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने सभी के टिकट रद्द कर नए चेहरों को मैदान में उतारने की मंजूरी नहीं दी है. कुछ मामलों में टिकट केवल संबंधित उम्मीदवार के परिवार के किसी व्यक्ति को दिया जा सकता है.   

ये 33 सीटें हैं: गंगानार, हनुमानगढ़, पिलानी, करणपुर, उदयपुरवाटी, दांतारामगढ़, हवामहल, आदर्श नगर, बगरू, चाकसू, रामगढ़, कठूमर, बयाना, हिंडौन, बामनवास, मारवाड़ जंक्शन, बिलाड़ा, शिव, जैसलमेर, गुढ़ामालानी, सिरोही, बेगूं। सहाड़ा, सांगोद डूंगरपुर, थानागाजी, मंडावा, बस्सी, दौसा, शेरगढ़, दूदू, नदबई और उदयपुर शहर.  

विधानसभा सीटवार सर्वे करा रही कांग्रेस

कांग्रेस इस साल की शुरुआत से ही विधानसभा सीट वार सर्वे करा रही है. AICC द्वारा दो निजी थिंक टैंक के सहयोग से अब तक कुल छह सर्वे  आयोजित किए गए हैं. मौजूदा विधायकों और पूर्व प्रत्याशियों के अलावा 5-5 नए नामों पर भी राय ली गई. 

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में 2018 के पिछले चुनाव में पार्टी ने करीब 100 टिकट जारी किए थे. इनमें से 10 टिकट कांग्रेस से जुड़े पुराने परिवारों से किसी को दिए गए. इस बार कांग्रेस सत्ता में है लेकिन विधायकों और मंत्रियों को लेकर सत्ता विरोधी लहर के कारण पार्टी टिकट बदलना चाहती है. 

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गहलोत ने वेणुगोपाल को दिया था आश्वासन

कुछ हफ्ते पहले राजस्थान चुनाव के लिए समन्वय समिति की पहली बैठक के दौरान AICC के संगठन महासचिव केसी वेगुगोपाल ने कहा था कि टिकट पाने वालों के लिए जीत की क्षमता ही एकमात्र मानदंड है. इस बैठक में मौजूद एक सदस्य ने बताया, "अशोक गहलोत ने उस बैठक में वेणुगोपाल से स्पष्ट रूप से कहा कि जिन्हें टिकट नहीं दिया गया है, उनके आक्रोश की चिंता मत कीजिए. मैं उन्हें संभाल लूंगा. लेकिन हमें यह चुनाव जीतना है और पिछले पांच चुनावों के रिपीटेशन को तोड़ना है."  

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