राजस्थान के कोटा संभाग के कमिश्नर राजेंद्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को राज्य में चार जगहों पर छापेमारी की. IAS के ठिकानों पर छानबीन से ACB को दो लाख से ज्यादा कैश, 300 ग्राम गोल्ड, 11 किलो चांदी और 13 प्लॉट समेत कई दस्तावेज मिले. जिसके बाद सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया है.
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने टिप-ऑफ के बाद कोटा में दो जगह, जयपुर में एक जगह पर करीब आठ घंटे रेड डाली. इसके अलावा दौसा स्थित IAS राजेंद्र विजय के पैतृक घर को भी सील कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, ACB को 2.22 लाख रुपये नकद, 335 ग्राम सोने की ज्वेलरी, 11.8 किलोग्राम चांदी की ज्वेलरी, तीन गाड़ियां और 13 कमर्शियल और प्लॉट मिले. इसके अलावा जांच टीम को अधिकारी से जुड़े 16 बैंक खाते भी मिले. टीम को कई बीमा पॉलिसी दस्तावेज और एक बैंक लॉकर का विवरण भी मिला, जिसकी खोज अभी बाकी है.
राजस्थान सरकार ने राजेंद्र विजय को कोटा के संभागीय कमिश्नर पद से हटा दिया और प्रतीक्षारत रख दिया है. गौरतलब है कि यह तीसरी बार है जब उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है. राजेंद्र विजय ने 25 सितंबर को कोटा के संभागीय आयुक्त का पदभार संभाला था. वे इससे पहले बारां और बालोतरा के कलेक्टर रह चुके हैं.
राजस्थान: भ्रष्टाचार के मामले में कोटा संभाग के IAS को पद से हटाया गया, 4 ठिकानों पर छापा
ACB डायरेक्टर ने क्या बताया?
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के डायरेक्टर डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को गोपनीय सूत्र सूचना प्राप्त हुई थी कि राजेंद्र विजय आई.ए.एस. संभागीय आयुक्त, कोटा संभाग द्वारा भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा अपने और परिजनों के नाम से अपनी वैध आय से आनुपातिक रूप से अधिक चल-अचल सम्पत्तियां अर्जित की गई हैं, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपयों से अधिक है. इस सूचना के बाद तथ्यों की जांच की गई और सही पाए जाने के बाद ACB की टीम ने कार्रवाई की.
राजेंद्र विजय ने अबतक क्या-क्या जिम्मेदारियां संभाली?
राजेंद्र विजय ने 1991 में टोंक, दौसा और नागौर में ACM पद पर अंडर ट्रेनिंग रहते हुए करियर शुरू किया था. उसके बाद उनियारा में साल 1992 में विकास अधिकारी रहे. अगस्त 1993 से सितंबर 1993 तक एसीईएम सुजानगढ़ रहे. अलवर में एडीएम सिटी, डीआईजी रजिस्ट्रेशन एंड स्टांप के पद पर भी काम किया. भरतपुर में अतिरिक्त कलेक्टर, RSRTC जयपुर में डिप्टी जनरल मैनेजर, जेडीए में डिप्टी कमिश्नर रहे. RFC में जनरल मैनेजर, पर्यटन विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी, बारां जिला कलेक्टर, बालोतरा कलेक्टर के पद पर रह चुके हैं. कोटा में जॉइनिंग से पहले वह RUIDP में प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे. करियर में वे 2 बार एपीओ भी हुए हैं.