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टोंक हिंसा: 'रात के अंधेरे में पुलिस को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी', जेल में नरेश मीणा से मीटिंग के बाद बोले किरोडी लाल

एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा से मुलाकात के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री किरोडी लाल मीणा ने कहा कि पुलिस को रात के अंधेरे में गांव में कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एसडीएम को थप्पड़ मारना भी गलत था.

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टोंक हिंसा पर बोले बीजेपी नेता किरोडी लाल मीणा (फाइल फोटो)
टोंक हिंसा पर बोले बीजेपी नेता किरोडी लाल मीणा (फाइल फोटो)

राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री किरोडी लाल मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा से जेल में मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कहा कि एसडीएम को थप्पड़ मारना गलत था, लेकिन पुलिस को भी समरावता गांव में रात के अंधेरे में कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जल्दबाजी दिखाई और रात में कार्रवाई की, इसीलिए घटना ने इतना बड़ा रूप ले लिया. 

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बीजेपी नेता किरोडी लाल ने कहा, "मैं नरेश मीणा से मिला. घटनाक्रम की मुझे सारी जानकारी है. ज्यादा बात नहीं हुई. कोई गोपनीय बात नहीं हो पाई क्योंकि जेल का एक प्रोटोकोल होता है. एसडीएम के साथ मारपीट नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन 10-12 लोगों को बल प्रयोग कर के अनावश्यक जेल में नहीं डालना चाहिए था प्रशासन को. रात के अंधेरे में पुलिस को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी गांव में जाकर जल्दबाजी दिखाई पुलिस ने. रात में कार्रवाई हुई इसलिए घटना ने इतना बड़ा रूप ले लिया." 

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देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे नरेश मीणा 

टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव हुआ था, इस सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग हुई थी. नरेश मीणा कांग्रेस से बगावत कर इस सीट पर निर्दलीय उतरे थे. नरेश मीणा ने समरावता गांव में चुनाव ड्यूटी में तैनात एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद पुलिस ने देर रात नरेश मीणा और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर दिया था. जिससे गुस्साए लोगों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. 

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नरेश मीणा ने SDM पर क्या आरोप लगाए? 

नरेश मीणा ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि गांव के लोग वोटिंग का बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन एसडीएम बीजेपी कैंडिडेट को जिताने के लिए वहां फर्जी वोटिंग करा रहे थे. इतना ही नहीं एसडीएम ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उसके पति और एक टीचर को धमकाया कि अगर वोट नहीं डाला तो उनकी सरकारी नौकरी चली जाएगी.  

नरेश मीणा को गिरफ्तार करने पहुंचे थे टोंक SP 

मीणा ने कहा कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद मैंने मांग की थी कि कलेक्टर यहां आएं, लेकिन कलेक्टर नहीं आईं. इसी मांग को लेकर मैं धरने पर बैठा था, लेकिन मेरे लिए खाना और गद्दा आ रहे थे उन्हें भी पुलिस ने नहीं आने दिया और फिर मेरे समर्थकों पर लाठीचार्ज किया गया. मुझ पर मिर्ची बम से हमला किया, जिसमें मैं बेहोश हो गया और फिर मेरे साथी मुझे लेकर पांच किलोमीटर दूर किसी घर में छिपा दिया. मैंने कहा कि एसपी यहां आएं और मेरी गिरफ्तारी करें. लेकिन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए. बाद में भारी पुलिस फोर्स के साथ एसपी ने समरावता गांव पहुंचकर नरेश मीणा को गिरफ्तार किया.

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