गुजरात में अगले दो महीनों में चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश में आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद कहा जा रहा है कांग्रेस गुजरात में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. ऐसे में हाल ही में राजस्थान की राजनैतिक उठापठक की वजह से इसका असर गुजरात चुनाव पर भी हो सकता है.
दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात में कांग्रेस के सीनियर ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किए गए हैं. जबकि गुजरात कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर राजस्थान के ही पूर्व आरोग्य मंत्री और अशोक गहलोत के करीबी कहे जाने वाले रघु शर्मा हैं. ऐसे में राजस्थान का प्रभाव सीधे तौर गुजरात चुनाव में हो सकता है. इस राजनैतिक उठापठक के बीच माना जा रहा है कि रघु शर्मा और अशोक गहलोत इसी में व्यस्त रहेंगे जिस वजह से गुजरात पर ध्यान नहीं दे पाएंगे.
राजस्थान के नेताओं को गुजरात में अहम जिम्मेदारी
गुजरात कांग्रेस के नेता का मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस को कई नुकसान नहीं है क्यूोंकि वहां पर सरकार तो कांग्रेस की ही बननी है, लेकिन इस उठापठक का असर गुजरात पर काफी ज्यादा हो सकता है क्योंकि गुजरात कांग्रेस को इस बार कुछ नया करने की उम्मीद थी, लेकिन उस उम्मीद पर अब पानी फिरता दिखाई दे रहा है. राजस्थान के दोनों ही विवादित नेताओं को गुजरात में बड़ी जिम्मेदारी है.
30 सितंबर को प्रियंका को गुजरात आने का न्यौता
कांग्रेस नेता मनीष दोशी का कहना है कि गुजरात कांग्रेस के जरिए प्रियंका गांधी को 30 सितंबर को गुजरात आने का न्यौता दिया गया था. जिसमें वो गुजरात में नवरात्रि के मौके पर आने वाली थीं और महिला सम्मेलन को सबोधित कर सकती हैं. हालांकि राजस्थान में हुई इस राजनैतिक उठापठक के बीच अब प्रियंका गांधी का गुजरात दौरा भी मुशकिल लगता है. मनीष दोशी का कहना है कि प्रियंका गांधी को गुजरात कांग्रेस के जरिए न्यौता भेजा गया हे, लेकिन अभी तक फाइनल कंफर्मेसन नहीं मिल पाया है.