कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. कांग्रेस का अध्यक्ष बनने की रेस में कई दिग्गजों के नाम शामिल होने की चर्चा है. इनमें चर्चा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम की भी है. अशोक गहलोत ने पिछले दिनों दिल्ली पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी. अशोक गहलोत ने ये भी कहा है कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी सौंपी, उसे निभाया. आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे.
अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच राजस्थान कांग्रेस में भी हलचल तेज हो गई है. कुछ नेताओं ने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की मांग भी फिर से उठानी शुरू कर दी है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यदि कांग्रेस का अध्यक्ष बनकर दिल्ली चले गए तो राजस्थान की राजनीति में क्या होगा? ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सचिन पायलट ने इसे लेकर एक तरह संकेत की भाषा में जवाब दे दिया. सचिन पायलट ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी और सरकार को युवाओं की आकांक्षा के अनुरूप कार्य करना चाहिए. उन्होंने अशोक गहलोत की ही भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि पार्टी के सभी नेताओं को चाहिए कि वे पार्टी का आदेश मानें, चाहे हम हों या कोई और.
सचिन पायलट ने सीएम गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अटकलों पर उन्हीं के अंदाज में कहा था कि राजनीति में जो होता है वो दिखता नहीं और जो दिखता है वो होता नहीं. मीडिया में छपी खबरों पर यकीन मत कीजिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की इकलौती पार्टी है जिसका अध्यक्ष चुनने के लिए भी चुनाव होता है. नए अध्यक्ष को लेकर अक्टूबर में तस्वीर साफ हो जाएगी.
गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच कहा था कि पार्टी का जो भी आदेश होगा, मुझे मान्य होगा. माना जा रहा है कि अशोक गहलोत भी कांग्रेस का अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हैं. अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में आगे माना जा रहा है. अशोक गहलोत को भी गांधी परिवार का करीबी माना जाता है.