राजस्थान की 4 सीटों पर राज्यसभा चुनाव बेहद रोमांचक होता जा रहा है. तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को काफी जोर-आजमाइश करनी पड़ रही है. कांग्रेस मानकर चल रही थी कि इस चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के 2 विधायकों के वोट भी उन्हें ही मिलेंगे. लेकिन BTP ने वोटिंग से पहले अपने दोनों विधायकों को व्हिप जारी किया है.
व्हिप में BTP ने अपने विधायकों से 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाग ना लेने के लिए कहा है. BTP ने यह ऐलान ऐसे समय किया है, जब उनकी पार्टी के दोनों विधायकों ने उदयपुर में सीएम गहलोत से मुलाकात के बाद कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.
दरअसल, राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं. निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने मैदान में उतरकर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं. ऐसे में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. बीजेपी के पास फिलहाल 71 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 109 विधायक हैं. इस तरह बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी की 41 वोट के साथ जीत तय है और उसके बाद 30 वोट अतिरिक्त बचते हैं. इस तरह बीजेपी के समर्थन के बाद सुभाष चंद्रा को जीत के लिए सिर्फ 11 वोट और चाहिए होंगे.
2020 में भी बीटीपी ने कांग्रेस को दिया था समर्थन
बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि विधायकों को व्हिप के जरिए राज्यसभा चुनाव में मतदान ना करने का निर्देश दिया गया है. घोघरा ने कहा कि हमारे विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया था. पार्टी ने हमारी मांगों के साथ सीएम के प्रतिनिधित्व को स्वीकारा था लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए, इस बार विधायकों को मतदान से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं. व्हिप जारी होने के बाद बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से परामर्श लेने के बाद हमने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का निर्णय लिया गया था.
पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे विधायक
राजकुमार रोत ने कहा कि हमें व्हिप जारी करने की जानकारी मिल गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में है. वह आदिवासियों के विकास से संबंधित हमारी मांगों को पूरा कर सकती है. इसलिए हमने इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन करने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि हम आगे की कार्रवाई तय करने के लिए कल पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगे.