राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच गहलोत खेमे के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी नाराज विधायक सोनिया गांधी का आदेश मानने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई तो उन विधायकों पर होनी चाहिए, जो 2020 में मानेसर गए थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली मीडिया के द्वारा धारणा बनाकर पीएम और सीएम की कुर्सी हासिल नहीं की जा सकती. इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है.
खाचरियावास ने कहा कि पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी नाराज नहीं होना चाहिए था. उन्हें इंतजार करना चाहिए था. हम अपने लोगों के साथ लड़ना नहीं चाहते. अगर धारीवाल जैसा वरिष्ठ इंसान ऐसे मुद्दों को उठा रहा है, तो पार्टी को इस पर विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक माहौल बनाया गया है कि मुख्यमंत्री 19 विधायकों के मुताबिक होना चाहिए, न कि 102 विधायकों के मुताबिक.
#RajasthanCongressCrisis | Observers shouldn't be upset this early, they should have waited for a while. We don't want to fight with our own people. If a senior leader like Dhariwal has raised issues then the party should pay heed to them:Gehlot loyalist minister PS Khachariyawas pic.twitter.com/V8DNsFeEGs
— ANI (@ANI) September 27, 2022
पायलट ने हाईकमान से बात करने की रिपोर्ट का किया खंडन
इसी बीच सचिन पायलट ने उन खबरों का खंडन कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि सचिन पायलट ने पार्टी आलाकमान से साफ कर दिया है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान को बता दिया है कि अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए. पायलट ने यह भी कहा कि गहलोत की यह जिम्मेदारी है कि वे विधायकों को साथ लाएं. हालांकि, बाद में सचिन पायलट ने इन खबरों का खंडन कर दिया.
आज सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौपेंगे माकन-खड़गे
राजस्थान के घमासान को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की लिखित रिपोर्ट शाम तक सोनिया गांधी को दी जाएगी. अभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. लिखित रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर या ईमेल के जरिए भी भेजी जा सकती है. अजय माकन और मल्लिकार्जिन खड़गे ने जयपुर से लौटकर सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी.
राजस्थान में जारी है सियासी ड्रामा
दरअसल, राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चा के बाद से बवाल मचा हुआ है. गहलोत समर्थक करीब 82 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इन विधायकों का कहना है कि 19 अक्टूबर को जब तक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं जीत जाते, राज्य में सीएम न बदला जाए. इसके बाद गहलोत समर्थक विधायक में से ही किसी को सीएम बनाया जाए.