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यहां सरकारी अस्पतालों में मरीजों से ज्यादा चूहे, जानिए क्यों जरूरी है इनका पुख्ता इलाज

चूहों के गैंग ने अस्पतालों में उत्पात मचा रखा है. महंगी मशीनों से लेकर ब्लड बैंक के वाहन के तार तक को कुतर-कुतर कर खराब कर दिया है. ऐन मौके पर चिकित्सा उपकरणों के काम नहीं करने की वजह से कई बार मरीजों की जान पर बन आती है. राजस्थान की राजधानी जयपुर के कई बड़े अस्पतालों की लगभग यही दशा है.

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अस्पताल के वार्ड से लेकर ओपीडी तक चूहों का आतंक फैला है.
अस्पताल के वार्ड से लेकर ओपीडी तक चूहों का आतंक फैला है.

दुकानों और मकानों में चूहों से आप भी परेशान हुए होंगे. यदि न भी हुए होंगे, तो उनके कारनामों से तो जरूर वाकिफ हुए होंगे. मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि यही चूहें घर में छोटी-मोटी वस्तुओं को कुतरते-कुतरते करोड़ों का नुकसान कर देंगें. यहीं नहीं, लोगों की जान के भी आफत बन जाएंगे. 

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ऐसा हुआ है राजस्थान के जयपुर में. यहां के सरकारी अस्पतालों में चूहों की गैंग ने ऐसा आंतक फैला रखा है की हर कोई हैरान और परेशान है. जयपुर का सबसे बड़ा सवाईमान अस्पताल हो या फिर बच्चों का जेके लोन हॉस्पिटल, यहां तक की सांगानेरी महिला अस्पताल से लेकर गणगौरी और कांवटिया हॉस्पिटल में भी चूहों का साम्राज्य हो चुका है. 

अब इन अस्पतालों में मरीजों का कम, चूहों का इलाज ज्यादा जरूरी हो गया है. इन सभी सरकारी अस्पतालों में चूहे इंसानों के लिए खतरा बन चुके हैं. ऐसे ही एसएमएस अस्पताल में मरीजों का इलाज तो ठीक से हो रहा है, लेकिन यहां कब्जा जमा चुके चूहों के कोई पुख्ता इलाज नहीं हो पा रहा.

चिकित्सा उपकरणों तक को कर दिया तबाह 

दरअसल, पिछले लंबे समय से एसएमएस अस्पताल प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यहां के चूहे बन चुके हैं. एसएमएस अस्पताल परिसर में चूहों के आतंक का आलम ये है कि अस्पताल परिसर में वार्ड से लेकर ओपीडी तक आतंक फैलाए हुए हैं. 

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महंगे चिकित्सा उपकरण रखने वाली जगह, एम्बुलेंस तक हर जगह चूहों की पहुंच है. यहां चूहें महंगी मशीनों से लेकर ब्लड बैंक के वाहन तक को आपका निशाना बना चुके हैं. उन्हें कुतर-कुतर कर चूहों ने ऐसी हालात कर दी है की ठीक करवाने में लाखों रुपये खर्च होंगे. 

मशीनों का इलाज करते हुए जबाव दे जाती हैं मशीनें 

कई बार तो मरीजों का इलाज करते करते मशीने जवाब दे जाती हैं और मरीज की जिंदगी दांव पर लग जाती है. हालांकि, चूहों से निपटने के लिए आखिरकार एसएमएस अस्पताल प्रशासन अब एक्टिव हुआ है. मगर, तब तक चूहों की गैंग ने इन अस्पतालों में करोड़ों का नुकसान कर दिया है. 

जानकारी के अनुसार 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान चूहों की गैंग कर चुकी है. मगर, अब जाकर प्रबंधन की आंख खुली और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने पूरे अस्पताल परिसर में दौरा करते हुए अस्पताल की वो सभी जगह चिह्नित की हैं, जहां या तो चूहे हैं या फिर उनके आने की संभावना है. 

इस दौरे के दौरान उन्होंने सफाई व्यवस्था से जुड़े सम्बंधित कर्मचारियों को तलब किया. साथ ही एक टीम बनाकर चूहों का पुख्ता इलाज करने के निर्देश दिए. उन्होंने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत में अब अस्पतालों में चूहे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, चाहें उसके लिए कुछ भी करना पड़े.

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