अलवर के टपूकड़ा क्षेत्र से धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. रायसिख समाज के एकमात्र परिवार को समुदाय विशेष के लोगों ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालते उनके साथ जमकर मारपीट की. इस हमले में सुरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों को इलाज के लिए अलवर के सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घायल सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके गांव बीबीपुर में मेव समाज के 700 घर हैं और उनका अकेला रायसिख समाज का घर है. देर रात मेव समाज के कुछ लोग खेत में काम कर रहे थे, तभी उन्होंने हमला कर दिया. आरोप है कि गहना, आमीन, रोबीन, आमीर, हसरद, शौकत, अरुब, हामिन, सुबीला सहित अन्य लोग लाठी-डंडे और फरसी लेकर उन पर टूट पड़े.
रायसिख समाज के लोगों के साथ मारपीट
इसके अलावा पीड़ित सुरेंद्र सिंह ने बताया कि समुदाय विशेष के लोग उन पर मुसलमान बनने का दबाव बना रहे हैं और गांव छोड़ने की धमकी दे रहे हैं. 10 दिन पहले भी इस मुद्दे पर झगड़ा हुआ था, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
घटना की जानकारी मिलते ही अलवर के पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल और विश्व हिंदू परिषद के नेता घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे. सिंघल ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए, तो उग्र आंदोलन होगा.
पीड़ित परिवार ने लगाया धर्म परिवर्तन का आरोप
इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं. क्योंकि इतनी आबादी क्षेत्र में एक रायसिख समाज का यह परिवार है. जो आराम से अपना जीवन यापन कर रहा है. आरोपी इन्हें मास का टुकड़ा खिलाने का प्रयास करते हैं. इतना ही नहीं बच्चों से जबरन नवाज भी पढ़वाई जाती है. ॉ
वहीं, एसआई भगवान सहाय ने बताया कि टपूकड़ा के बीबीपुर गांव में आसपास रहने वाले दो परिवारों के बीच झगड़ा हो गया. इनमें एक परिवार रायसिख व दूसरा मुस्लिम समाज का है. दोनों ही परिवार के बीच इसी माह में 10 दिन पहले भी विवाद हुआ था. 10 दिन बाद एक बार फिर सोमवार देर रात को दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया, जिसमें तीन लोग गंभीर घायल हो गए. उन्होंने बताया कि सोमवार को जो मामला हुआ वह साधारण मारपीट का है. धर्मातंरण जैसा कोई मामला नहीं है.