राजस्थान के टोंक जिले में एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार नरेश मीणा को कोर्ट ने शुक्रवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. निर्दलीय उम्मीदवार के वकील सीताराम शर्मा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'पुलिस द्वारा कानून-व्यवस्था का हवाला देने के बाद अदालत ने नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का निर्देश दिया. सुनवाई के बाद अदालत ने मीणा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.'
पुलिस ने बताया कि नरेश मीणा के खिलाफ सरकारी काम में हस्तक्षेप करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में चार आपराधिक मुकदमें दर्ज किए गए हैं. नरेश मीणा टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार थे. उन पर 13 नवंबर को मतदान के दौरान एक पोलिंग बूथ पर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) अमित चौधरी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने का आरोप है. एसडीएम चौधरी चुनाव ड्यूटी पर थे. जब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मीणा को रोकने की कोशिश की तो हाथापाई की नौबत आ गई.
यह भी पढ़ें: SDM थप्पड़ कांड: नाराज अफसरों से मिले सीएम, हवालात में निकल गई नरेश मीणा की हेकड़ी
नरेश मीणा को पुलिस ने 14 नवंबर को गिरफ्तार किया था. उनके अनुसार, एसडीएम ने गुप्त रूप से तीन मतदाताओं के लिए वोट डालने की व्यवस्था की थी और ईवीएम पर प्रदर्शित उनका चुनाव चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे मतदान के दौरान उनके समर्थकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. गिरफ्तारी के जवाब में, मीणा के समर्थकों ने समरावता गांव के पास स्टेट हाईवे पर आग लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस ने क्षेत्र में अशांति, पथराव और आगजनी के आरोप में लगभग 60 लोगों को हिरासत में लिया.
नरेश मीणा राजनीतिक रूप से सक्रिय परिवार से आते हैं. उनके पिता कल्याण सिंह तीन दशकों तक गांव के सरपंच रहे, जबकि उनकी मां वर्तमान में सरपंच हैं. उनकी पत्नी सुनीता जिला परिषद सदस्य हैं और उनके छोटे भाई की पत्नी पंचायत समिति में किसी पद पर हैं. लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहने के बाद, चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर नरेश मीणा बागी हो गए. टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने कहा कि नरेश मीणा की 14 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने के बाद इसे और बढ़ाने की मांग की जाएगी.