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दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने की आरोपी SOG की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को 3 दिन की रिमांड पर भेजा गया. मंगलवार शाम एसीबी ने अजमेर स्थित एसीबी कोर्ट में पेश किया. करीब 15 मिनट तक दोनों पक्षों के वकीलों ने बहस की. इसके बाद न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया.
एसीबी के डिप्टी एसपी मांगीलाल के मुताबिक, आरोपी के लिए 4 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल 3 दिन की रिमांड दी है. कहा जा रहा है कि रिमांड के बाद अब राज्य सरकार भी उनके निलंबन के आदेश जारी कर सकती है.
आरोपी दिव्या मित्तल के वकील प्रीतम सोनी ने दलील दी कि एसीबी ने लगातार उनके घर और अन्य स्थानों पर सर्च किया है. उन्हें जिन दस्तावेजों की आवश्यकता थी, वह उन्हें मिल चुके हैं. अब रिमांड की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन कोर्ट ने आरोपी के वकील की दलील को खारिज करते हुए रिमांड देने का फैसला सुनाया.
इस दौरान एसीबी के अधिकारी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. उन्होंने जांच के संबंध में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.
इस मामले में दिव्या मित्तल के वकील प्रीतम सोनी का आरोप है कि श्यामसुंदर तापड़िया, करनानी और इस केस से जुड़े परिवादी की एक गैंग बनी हुई है. जिनके खिलाफ पूर्व में 3 एनडीपीएस के मामले दर्ज हुए थे. जिसकी जांच एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल कर रही थी. इन सभी मामलों में दिव्या मित्तल को केस से हटवाने के लिए यह सब किया गया है. प्रीतम सोनी ने कहा कि कि दिव्या मित्तल ने किसी भी तरह की रिश्वत की मांग नहीं की और न ही उनके पास से कोई रिकवरी हुई है.
बता दें, जब ASP को गिरफ्तार करने एसीबी की टीम पहुंची थी तो इस दौरान दिव्या मित्तल का बड़ा बयान सामने आया था. उन्होंने कहा की ड्रग माफियाओं को पकड़ने का उन्हें यह इनाम मिला है. यही नहीं, दिव्या मित्तल ने अजमेर के पुलिस अधिकारियों को भी ड्रग मामले में शामिल बताया.
दिव्या ने कहा, ''ड्रग माफियाओं का रैकेट है, ताकि मेरे यहां से फाइल हट जाए. मैं लगातार उन्हें लगातार ट्रैक कर रही थी. इसमें अजमेर पुलिस के कई अधिकारी भी शामिल हैं.'' दिव्या मित्तल के इस बयान ने अजमेर पुलिस को भी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. एसीबी की जांच में दिव्या मित्तल ने बार-बार रिश्वत की राशि ऊपर तक देने की बात भी कही. अब एसीबी इसकी जांच कर रही है कि ऊपर कहां तक यह राशि दी जाती थी.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि जयपुर ACB ने सोमवार को दिव्या मित्तल के अजमेर स्थित एआरजी सोसायटी के उनके फ्लैट समेत 5 ठिकानों पर छापा मारा और कुछ दस्तावेज बरामद कर दिव्या को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इस दौरान एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह ने बताया था कि, ‘एक परिवादी एसीबी मुख्यालय पर आए थे. उन्होंने सूचना दी थी कि उनके खिलाफ एक प्रकरण दर्ज होने के बाद उसमें से नाम हटाने के एवज में दो करोड़ रुपए की डिमांड की जा रही है. परिवादी ने कहा कि उसका कोई दोष नहीं है. जब वह अनुसंधान अधिकारी दिव्या मित्तल के पास गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि आप उदयपुर की तरफ रवाना हो जाओ. आपके पास एक कॉल आएगा. उसके अनुसार वहां चले जाना. थोड़ी देर में निकलते ही फोन आया और उसके बाद उदयपुर के लिए रवाना हो गया. वहां दो करोड़ की मांग की गई. असमर्थता जाहिर करने पर डरा-धमकाकर एक करोड़ रुपए से कम नहीं होने की बात कही गई. वहां से लौटकर एसीबी को रिपोर्ट दी.’